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Soulful Stanzas

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रामचरितमानस – बालकांड – दो (Ram Charitmanas Bal Kand – Two)

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दोहा- देखरावा मातहि निज अदभुत रुप अखंड। रोम रोम प्रति लागे कोटि कोटि ब्रह्मंड॥201॥ अगनित रबि ससि सिव चतुरानन। बहु गिरि सरित सिंधु महि कानन॥ काल कर्म...

रामचरितमानस – बालकांड – एक (Ram Charitmanas Bal Kand – One)

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श्री गणेशाय नमः श्री रामचरित मानस प्रथम सोपान बालकांड श्लोक वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥ भवानीशङ्करौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ। याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाःस्वान्तःस्थमीश्वरम्॥2॥ वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शङ्कररूपिणम्। यमाश्रितो हि वक्रोऽपि...

हनुमान चालीसा

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श्री हनुमान चालीसा दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बद्धिहीन न तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल बुधि...

अलविदा ट्वेंटी-ट्वेंटी!

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अलविदा-अलविदा, अलविदा ट्वेंटी-ट्वेंटी, कोरोना लेके आया, कर दिया सेंटी-सेंटी। करोड़ों हुए बीमार, लाखों को मार डाला, संपूर्ण साल करता रहा, बबली बंटी-बंटी। कोई क्वारंटीन रहा, कोई रहा घर...

कोरोना काल में डॉक्टर व सरकार भी रावण

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त्रेता में था एक ही रावण, अब तो हर गली में हैं रावण, बस्ती-बस्ती फिर रहे रावण, कितने तुम मारोगे रावण। पता करो कमी क्या है,...

ग़ज़ल – मेरी जानिब

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मेरी जानिब मुड़कर देखा जो तुमने मेरी जानिब ख़ुशियों की बारिश हुई मेरी जानिब मुद्दत से दर-दर भटकती रही हो एक बार तो आई होती मेरी जानिब रूसवाइयां और...

ठुमरी – तू आया नहीं चितचोर

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ठुमरी   तू आया नहीं चितचोर मनवा लागे नाहीं मोर रहिया ताके मोरा मन अंखियां बनी हैं चकोर बैरन बनी रात चांदनी काहे रे होत नहि भोर सबके सजन आए घर न आयल...

कविता : चित्रकार की बेटी

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तुम बहुत अच्छे इंसान हो धीर-गंभीर और संवेदनशील दूसरों की भावनाओं का सम्मान करने वाले बहुत कुछ मेरे पापा की तरह तुम्हारे पास है बहुत आकर्षक नौकरी कोई भी...

ग़ज़ल – मेरा क्या कर लोगे ज़्यादा से ज़्यादा

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ग़ज़ल मेरा क्या कर लोगे ज़्यादा से ज़्यादा, गुफ़्तगू ना करोगे ज़्यादा से ज़्यादा। पता है वसूलों से समझौते की कीमत, मालामाल कर दोगे ज़्यादा से ज़्यादा। ना जाऊंगा...

ग़ज़ल – आ गए क्यों उम्मीदें लेकर

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आ गए क्यों उम्मीदें लेकर करूं तुम्हें विदा क्या देकर... लाख मना की पर ना माने क्यों रह गए तुम मेरे होकर... अपना लेते किसी को तुम भी आखि‍र...