ग़ज़ल – किस्मत से ज़ियादा
ग़ज़ल
टूटा है कहर सब पर किस्मत से ज़ियादा
नफरत भरी है यहां मोहब्बत से ज़ियादा
दिल का कदर क्या वह खाक करेगा
जिसके लिए प्यार नहीं तिजारत...
ग़ज़ल – यूं ही सबके सामने!
ग़ज़ल - यूं ही सबके सामने!
राज़-ए-दिल क्यूं पूछते हो यूं ही सबके सामने
दिल की बातें क्या बताएं यूं ही सबके सामने
तुम अनाड़ी ही रह...
कविता – कब आओगे पापा?
कविता - शहीद की बेटी
(कारगिल वॉर के समय लिखी मेरी कविता)
कब आओगे पापा?
पापा कब तुम आओगे
तुम्हारी बहुत याद आती है मुझे
अच्छा बाबा खिलौने मत...