शाबाश ईरान! अमेरिका को सीधे हमले से दिया जवाब

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एक लंबे तनावपूर्ण इंतजार के बाद ईरान ने आखिरकार अमेरिका को सैन्य मोर्चे पर चुनौती दे दी है। हालिया हमले में ईरान ने अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए यह साफ कर दिया कि वह अब सिर्फ चेतावनियों तक सीमित नहीं रहेगा। यह हमला न केवल सैन्य कार्रवाई है, बल्कि विश्व मंच पर ईरान के बदले हुए रवैये की स्पष्ट घोषणा भी है।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि “स्वाभिमान भी कोई चीज़ होती है। कोई अमर होकर नहीं आया है। जब तक जिएंगे, शान से सिर उठाकर जिएंगे।” उनके इस बयान को जनता और सेना दोनों से भारी समर्थन मिला है। खामेनेई के इस साहसी रुख ने एक बार फिर यह दर्शा दिया कि ईरान अब अपनी रणनीति और नेतृत्व को विश्व राजनीति के केंद्र में स्थापित करना चाहता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले के बाद अमेरिका के लिए सैन्य जवाबी कार्रवाई आसान नहीं होगी क्योंकि अब रूस और चीन, दोनों शक्तिशाली देश, ईरान के साथ खड़े हैं। रूस पहले ही ईरान को समर्थन दे चुका है, जबकि चीन ने भी संकेत दिए हैं कि वह पश्चिम एशिया में ‘संतुलन बनाए रखने’ के लिए हस्तक्षेप कर सकता है। ऐसे में यह संघर्ष किसी सीमित युद्ध के बजाय वैश्विक टकराव का रूप भी ले सकता है।

इस घटनाक्रम ने भारत में भी बहस छेड़ दी है। कई विश्लेषकों और आम नागरिकों ने ईरान और इज़राइल जैसे देशों के नेतृत्व की तुलना भारत की लीडरशिप से करते हुए सवाल उठाए हैं कि क्या भारत के नेता भी कभी ऐसा साहस दिखा सकते हैं। आलोचकों का कहना है कि भारत में ‘लीडरशिप’ के बजाय ‘डीलरशिप’ का बोलबाला है, जहां हर नीति, हर कूटनीति और हर रणनीति केवल व्यापारिक सौदों के आधार पर तय होती है।

भारत में सोशल मीडिया पर इस वक्त ‘अयातुल्ला खामेनेई’ और ‘नेतन्याहू’ जैसे नेताओं की चर्चा जोरों पर है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या भारतीय नेतृत्व के पास भी वैसा ही आत्मसम्मान और स्पष्ट रुख है, जैसा इन देशों के पास है?

ईरान के इस हमले ने वैश्विक स्तर पर नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। अमेरिका की अगुवाई वाले पश्चिमी गठबंधन पर इसका क्या असर होगा, यह आने वाला समय बताएगा, लेकिन एक बात निश्चित है — अब ईरान को वैश्विक मंच पर नजरअंदाज करना नामुमकिन होगा।

ईरान ने दुनिया को बता दिया कि चुप बैठने का नहीं, बल्कि सिर उठाकर खड़े होने का वक्त

ईरान ने कतर के दोहा में मौजूद अमेरिकी बेस पर सोमवार रात मिसाइल हमले किए। इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि ईरान की ओर से 6 मिसाइलें दागी गई। कतर के अल उबेद बेस पर ईरान ने हमला किया। हालांकि, कतर का दावा है कि अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए हमले में किसी हताहत होने की खबर नहीं है। ईरान के पलटवार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सिचुएशन रूम में हाईलेवल मीटिंग बुलाई। अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ ट्रंप बैठक कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, ईरान के हमले में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं हैं।

रविवार सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकाने, नितांज, इस्फ्हान और फोर्डो पर हमले किए थे। इस हमले के बाद ईरान ने अमेरिका को बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। अमेरिकी की कार्रवाई के बाद यूएस की सेना अलर्ट मोड पर है। ईरान ने साफ तौर पर कहा है कि अमेरिका ने युद्ध को अपराध किया है, जिसकी कीमत उसे भुगतनी होगी। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने अमेरिका पर हमला किया तो अमेरिकी सेना इस करारा जवाब देगी।

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