आजकल मोटापे के चलते लोगों का पेट निकलना आम हो गया है। देश की आबादी का 40 फ़ीसदी लोगों की तोंद निकल गई है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता न करें। नियमित योगासन और भोजन पर अंकुश रखकर मोटापे से निजात पा सकते हैं। इसके लिए भोजन सीमित करें और नींद के सही समय का चयन करें। अधिक कैलोरी या फैटी भोजन से परहेज़ करें और रोज़ाना नियमित योगा अभ्यास ज़रूर करें। ज़रूरी नहीं कि योग सिर्फ़ सुबह के समय ही करें। शाम के समय भी योग कर सकते हैं, लेकिन खाने के कम से कम तीन-चार घंटे के बाद।
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योग से पहले सूक्ष्म व्यायाम करते हैं, जिसे अंग संचालन भी कहते हैं। इसे अच्छे योग टीचर से सीखकर नियमित करें। सूक्ष्म व्यायाम में श्वास प्रश्वांस की क्रियाएं, वक्षस्थल तथा उदर की सभी क्रियाएं कर सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास से भी मोटापा या तोंद को कम किया जा सकता है।
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कपालभाती प्रणायाम
ज़मीन पर पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर पूरे दम से नाक से सांस छोड़ें पर सांस लेने का अलावा कोई प्रयास न करें। सांस ख़ुद आ जाएगी। सांस छोड़ते समय पेट अंदर करें। पहले इसका अभ्यास करें। फिर गति धीरे-धीरे बढ़ाएं। शुरू-शुरू में नए अभ्यासी कम से कम 20 चक्रों का अभ्यास करें। एक हफ़्ते के बाद अभ्यास 50 चक्र तक बढ़ा दें। ध्यान रहे इस दौरान कमर और गर्दन सीधी रहे और आंखें बंद। हाथ ज्ञान की मुद्रा में रहने चाहिए।
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अग्निसार
ज़मीन पर पहले पद्मासन में बैठ जाएं। हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखें लेकिन हाथ सीधे रहने चाहिए। नाक से गहरी सांस लीजिए फिर इसके बाद सांस निकालकर जाल-धार बंद लगाइए। तेज़ी से उदर स्नायुओं का विस्तार एवं संकुचन कीजिए यानी पेट को अंदर-बाहर तेज़ी से करें। शुरू में क्षमतानुसार अभ्यास करें। फिर धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाते जाएं।
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पश्चिमोत्तानासन
हथेलियों को जांघों पर रखते हुए पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें। शरीर धीरे धीरे आगे की ओर झुकाएं। पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। संभव न हो तो टखनों को पकड़े। माथे से घुटनों को स्पर्श करने की कोशिश करें। नए अभ्यासी शुरू में केवल उतना झुकें जितना आराम से झुक सकते हैं। शरीर पर ज़्यादा ज़ोर न दें। अंतिम स्थिति में जितनी देर आसानी से रह सकें, रहें। फिर शरीर ढीला करते हुए पहले की स्थिति में लौटें।
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भस्त्रिका प्राणायाम
ध्यान के किसी सुखप्रद आसन में बैठें। सिर एवं रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। आंख बंद करें। शरीर को ढीला छोड़ें। दोनों हाथों को घुटने पर रखें। नाक के दोनों छिद्रों से एक साथ तेजी से सांस लें और एक साथ ही छोड़ें। लगातार 10 बार ऐसा करें। उसके बाद पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। फिर से इस क्रिया को करें. क़रीब 10 मिनट ऐसा करें।
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कुंजल क्रिया
सीधे खड़े होकर छह ग्लास नमकीन गुनगुना पानी जितनी जल्दी हो पी लें। आगे की तरफ झुककर दाएं हाथ की तर्जनी और मध्यमा उंगली गले में खूब अंदर डालें। उल्टी के साथ सारा पानी बाहर आ जाएगा। यह प्रक्रिया खाली पेट ही करें और बाद 20 मिनट कुछ न खाएं।
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शिथिलीकरण
योगनिद्रा का अभ्यास रोज़ाना ज़रूरी है। इसमें नकारात्मक संकल्प नहीं लेने चाहिए। क्योंकि इससे हो सकता है कि अतिआहार की आदत और बढ़ जाए। पूरा शरीर ज़मीन पर ढीला छोड़ दें। पूरा ध्यान सांस लेने और छोड़ने पर बना रहे।
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आहार
मोटे लोगों को उपवास का सुझाव बिल्कुल नहीं दिया जा सकता। इनके लिए उपवास का तय कार्यक्रम अपनाना बहुत कठिन है। उपवास खत्म होने पर पहले से ज़्यादा खाना खा लेते हैं। इसलिए इन्हें पौष्टिक व सादा भोजन सही समय पर लेना चाहिए। सुबह शाम के भोजन के अलावा दिन में कुछ नहीं खाना चाहिए। साबुत अनाज, फल और हरी सब्जियां ही भोजन में लें।
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सावधानी
कपालभाती, कुंजल, भस्त्रिका, पश्चिमोत्तासन, अग्निसार योग उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, पेट या आमाशय में नासूर हो जाने पर नहीं करने चाहिए। इसके अलावा मोटापा कम करने के लिए वज्रासन, मंडूकासन, उत्तानमंडूसकासन, उत्तानकूर्मासन, उष्ट्रासन, चक्रासन, उत्तानपादासन, सर्वागांसन व धनुरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, कटिचक्रासन, कोणासन, उर्ध्वाहस्तोहत्तातनासन, पद्मासन जैसे योग आसन भी करना चाहिए।
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नोट- हर किसी की मानसिक ही नहीं शारीरिक बनावट और क्षमता एक दूसरे से अलग होती है इसलिए ज़रूरी है कि पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
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