तीसरे विश्वयुद्ध के बाद बचे लोग लगे थे उम्मीदों को जीवित रखने की कोशिश...
पर्यावरण को समर्पित कालजयी उपन्यास “प्रोफेसर वायुमंडल” का विमोचन
यद्यपि तीसरा विश्व युद्ध समाप्त हो चुका था, लेकिन पृथ्वी 47 अभी ज़िंदा बच गई थी।...
स्त्री की चीख से निकली हैं पूनम की ग़जलें – डॉ. सोमा घोष
पूनम विश्वकर्मा के ग़ज़ल संग्रह "सुब्ह शब भर..." का विमोचन
मुंबई। शास्त्रीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने गीतकार पूनम विश्वकर्मा के पहले ग़ज़ल संग्रह...
राजेश रेड्डी को ‘निराला सृजन सम्मान’ व पूनम विश्वकर्मा को ‘दुष्यंत स्मृति सम्मान’
मुंबई, आदित्य बिरला उद्योग समूह की कला एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करने वाले संस्थान आईएनटी आदित्य बिरला सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स की ओर से...
महिलाओं के लिए लेखन भारत ही नहीं पूरी दुनिया में चुनौतीपूर्ण – दिव्या माथुर
मुंबई। ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका दिव्या माथुर का मानना है कि तमाम विकास के बावजूद महिलाओं के लिए लेखन कार्य...
‘अल्फ़ाज़’ में तीन घंटे हॉल लगातार तालियों से गूंजता रहा…
चंदन पानी स्टूड़ियोज़, इंडी फिल्मस और इंशाद फाउंडेशन का मुशायरा
संवाददाता
मुंबई। कोई भी मुशायरा हो सभी शायर दर्शकों पर समान असर नहीं छोड़ते। कोई शायर...
प्यार और खुशी के भव्य रंगों में रंगा ‘कुछ रंग, कुछ कहानियां’ का लोकार्पण
संवाददाता
मुंबई। महानगर की आपा- धापी और भाग-दौड़ भरी जिंदगी के बीच मुंबई में रविवार की शाम सकून लेकर आई, जब महानगर का समूचा हिंदी...
ज़माने भर की लाशों पर भी हो जाए खड़ी नफ़रत, पर उसका क़द मुहब्बत...
संवाददाता
मुशायरों में कभी-कभी कुछ ऐसे शेर सुनने को मिल जाते हैं कि बरबस ही कालजयी ग़ज़लगो दुष्यंत कुमार की याद ताजा हो उठती है।...
शरद जोशी के नाटक ‘अंधों का हाथी’ का बेहतरीन मंचन
मैं मरा नहीं हूं। मैं कैसे मरूंगा। मैं तो सूत्रधार हूं। मैं इसी तरह हाथी का प्रसंग खड़ा करूंगा। हाथी को बार-बार स्टेज पर...
आकाशवाणी के सभागृह में मुशायरे की यादगार शाम
आकाशवाणी के एफएम रेनबो पर प्रसारण शनिवार को शाम 5 बजे
मुंबई। भारत को जी-20 की अध्यक्षता और मेजबानी मिलने के बाद तमाम सरकारी संस्थान...
मुस्लिम महिलाओं की बेबसी को बयां करता उपन्यास ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’
अपने ढाई हज़ार के सफ़र के दौरान पहले बॉम्बे फिर बंबई और बंबई से मुंबई बनी मायानगरी अपनी ख़ूबियों और विसंगतियों के लिए पूरी...