कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लागू किए लॉकडॉउन से पशु-पक्षियों समेत संपूर्ण पर्यावरण को तो लाभ हुआ लेकिन कुछ लोग भी ऐसे रहे जिन्होंने लॉकडाउन को अवसर में बदल दिया। ऐसे लोगों की फेहरिस्त में फूल ब्लॉगर सहाना शेट्टी हैं, जिन्होंने अपनी डाउट से चीनी, गेहूं, मांसाहारी भोजन को अलग कर दिया और पांच महीने में 40 किलो वजन कम करके 125 किलो से 85 किलो पर आ गईं।
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सहाना शेट्टी ने तब झटका लगा जब उन्हें 32 साल की उम्र में ही डायबिटीज़ होने का पता चला। इस सूचना ने उन्हें झटके से अपनी जीवन शैली को बीमारी के अनुरूप करने के लिए मजबूर कर दिया। वह बिना किसी डाइटीशियन या पर्सनल ट्रेनर के 40 किलो वजन कम करने में सफल रही। उनका समर्पण और फिटनेस के प्रति दृष्टिकोण अपना वजन कम करने की सोच रहे लोगों लिए एक प्रेरणा है।
सहाना कहती हैं, “जब सारी दुनिया महामारी की चरम सीमा का सामना कर रही थी, मेरे भीतर भी तूफान चल रहा था। मेरा वजन 125 किलोग्राम हो चुका था, इसके बावजूद मैं बिंदास थी। लेकिन जब मोटापे ने ख़राब सेहत का संकेत देना शुरू किया तो मुझे चिंता हुई। सेहत संबंधी समस्या ने मेरी हालत बदतर कर दी। जब मुझे हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड शूगर के स्तर का पता चला। मैं डॉक्टर के पास गई और डायबिटीजोलॉजिस्ट डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर इंतजार कर रही थी। मैंने देखा के हाई ब्लड शूगर का बुरा असर लोगों के हाथ-पैर पर हो रहा है।, तो मैंने ऐसे लोगों को भी देखा, जो मेरी तरह ही बाहर इंतजार कर रहे थे। उनमें से कई के पैरों की उंगलियां उभरी हुई थीं।”
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सहाना ने कहा, “डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी रिपोर्ट उन सभी लोगों से भी बदतर थी। उन लोगों से भी बदतर जिनकी उंगलियां डायबिटीज़ के कारण कट गई थीं। यह मेरे लिए 440 वोल्ट के झटके की तरह था। डॉक्टर ने सीधे कह दिया कि या तो वजन कम करो, या फिर अक्सर बीमार पड़ने के लिए तैयार हो जाओ। तो, मैंने तब फैसला किया कि मैं अपने शरीर से अतिरिक्त वजन को दूर करके रहूंगी। शक्कर को बाइ-बाइ कहना मेरा पहला कदम था। जैसा मैं चाहती थी, मैंने किसी डाइटीशियन या फिटनेस ट्रेनर की मदद के बिना अतिरिक्त वजन कम करने में कामयाबी हासिल की।”
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सहाना कहती हैं, “मैं रोज़ाना नाश्ते आम तौर पर कड़ी पत्ता/लहसुन की चटनी के साथ मिलेट डोसा लेने लगी। लंच में सब्ज़ी के साथ गेंहूं की जगह बाजरे की चपाती खा लेती हूं। डिनर में रागी का बना कुछ भी ले लेती हूं। वर्कआउट और फिटनेस सीक्रेट्समैंने रोज़ाना वॉक करना शुरू किया। हर तरह की चीनी और उससे बने खाद्य पदार्थ से दूर रह कर मोटापे पर अंकुश लगा सकते हैं। चीनी नशीली दवा की तरह है, पास होने पर बार-बार लेने का मन करता है। अब मैं फिजिकली अधिक सक्रिय हूं, जब तक थक नहीं जाती चलती रहती हूं। वॉकिंग टाइम को बढ़ाती हुई 1.5 घंटे तक ले जा चुकी हूं। मैं योग में भी हाथ आजमा रही हूं।”
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