पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड अबू सैफुल्ला खालिद की कराची में गोली मारकर हत्या
कितनी अजीब बात है जो आतंकी बंदूक के बल पर लोगों के मन में आतंक पैदा करते थे, अब वे ख़ुद आतंकित होकर जी रहे हैं। अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कब उनकी हत्या हो जाएगी, कुछ भी पता नहीं है। अब आतंकवादियों को पता चल रहा है कि भय का माहौल और डर का साया क्या होता है। पता नहीं कौन गुमनाम व्यक्ति या संगठन चुन-चुन कर इन मौत के सौदागरों के मौत की नींद सुला रहा है, लेकिन यह कार्य जो भी कर रहा है, वह पुण्य का काम कर रहा है।
यह गुमनाम व्यक्ति या संगठन ने अब तक पाकिस्तान से आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने वाले 32 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार चुका है। कुछ पाकिस्तान में मारे गए हैं जबकि कुछ का कनाडा में मारा गया है। इन लक्षित हत्याओं ने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को हिला कर रख दिया है। इन घटनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया मोड़ ला दिया है, जिसमें आतंकवादियों को उनके ही गढ़ में निशाना बनाया जा रहा है।
अभी एक दिन पहले ही पहलगाम आतंकी हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अबू सैफुल्ला खालिद उर्फ सैफुल्ला कसूरी को मार गिराया गया। उसे भारत में हुए तीन और बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। रविवार को उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं, जिसमें घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इससे पहले लश्कर-ए-तैयबा के ही आतंकवादी अबू कतल उर्फ जिया-उर-रहमान को 16 मार्च को पाकिस्तान के पंजाब में मार गिराया गया था। उसे हाफिज सईद का करीबी भी माना जाता था। उसने राजौरी, पुंछ और रियासी में वर्ष 2023-24 के बीच चार बड़े हमलों को अंजाम दिया था।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद मुजामिल और नईमुर रहमान और मसूद अजहर के करीबी मौलाना रहीम उलाह तारीक को भी अज्ञात लोगों ने मार गिराया था। लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी ख्वाजा शाहिद को नवंबर 2023 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अज्ञात हमलावरों ने मार डाला था। लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर अकबर गाजी, जो कश्मीर घाटी में आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल था। उसे नवंबर 2023 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने 72 हूरों के पास पहुंचा दिया था।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का करीबी सहयोगी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक को नवंबर 2023 में कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। इसी तरह अल बद्र कमांडर सैयद खालिद रज़ा की फरवरी 2023 में कराची में उसके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इस्लामिक स्टेट जम्मू और कश्मीर (ISJK) के सदस्य एजाज़ अहमद अहंगर को अफगानिस्तान में मार दिया गया था। वह काबुल और जलालाबाद में कई आत्मघाती हमलों के लिए जिम्मेदार था।
कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में शामिल सैयद नूर शालोबार को मार्च 2023 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में अज्ञात हमलावरों ने गोली से उड़ा दिया था। जनवरी 2023 के डांगरी हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर परवेज़ अहमद उर्फ अबू कासिम सितंबर 2023 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा गया था।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मारने के आरोपी मुफ्ती शाह मीर को भी इसी साल मार्च के महीने में अज्ञात लोगों ने मार गिराया था। मुफ्ती शाह मीर को जमीअत-उलमा-ए-इस्लाम का आतंकवादी माना जाता था। हाफिज सईद के रिश्तेदार मौलाना कासिफ अली को 17 फरवरी 2025 को खैबर पख्तूनख्वा के उसके घर पर ही मोटरसाइकिल सवार अज्ञात लोगों ने मार गिराया था। वह लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था और कई बड़े मामलों में वांछित था।
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मुफ्ती फैयाज को पिछले वर्ष 20 मई को खैबर पख्तूनख्वा में मार गिराया गया था। लश्कर ए तैयबा का अब्द्ल्ला शाहीन भी मारा जा चुका है। लश्कर-ए-तैयबा के हाजी उमर गुल और हबीबुल्लाह, अदनान अहमद और जैश-ए-मोहम्मद के यूनुस खान को भी मौत के घाट उतारा जा चुका है। अकरम खान उर्फ अकरम गाजी (लश्कर-ए-तैयबा), शरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी आमिर सरफराज (लश्कर-ए-तैयबा), असीम जमील, दाऊद मलिक (लश्कर-ए-जब्बार), पठानकोट आतंकी हमले का आरोपी शहीद लतीफ भी अज्ञात लोगों की गोलियों का निशाना बन चुके हैं।
इसके अलावा मुफ्ती कैसर फारूख (लश्कर-ए-तैयबा), 20 आपराधिक आतंकी मामलों में वांछित सूखा दुनेके (खालिस्तान टाइगर फोर्स), मुल्लाह सरदार हुसैन (जमात-उद-दावा), बब्बर खालसा के आतंकी रिपुदमन मलिक जो कि एयर इंडिया विमान में बम ब्लास्ट घटना का आरोपी था, उसे भी अज्ञात हमलावरों ने 14 जुलाई 2023 को कनाडा में मार गिराया था। खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और परमजीत सिंह पंजवार भी मार दिया गया है।
इन्हीं अज्ञात हमलावरों ने सईद नूर, अल बद्र के आतंकी सईद खालिद राजा, आईएसआई के एंजेंट मोहम्मद लाल, आतंकी संगठन हरकतउल मुजाहिदीन के आतंकी और आईसी 814 प्लेन के हाईजैकर जहूर मिस्त्री को मार्च 2022 को पाकिस्तान के कराची में मार गिराया था। हिजबुल के आतंकी बशीर अहमद पीर को 20 फरवरी 2022 को पाकिस्तान के सुरक्षित इलाके रावलपिंडी में मार गिराया गया था। इसे मारने वालों में भी अज्ञात लोगों का ही नाम सामने आया था।
सुरक्षा मामलों से जुड़े एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने बताया कि अब तक इजरायल की सुरक्षा एजेंसी मोसाद को अपने देश के दुश्मनों को पूरी दुनिया में खोजकर मार गिराने के लिए जाना जाता था। पाकिस्तान और कनाडा में हुई कई हत्याओं के लिए इन देशों की सरकारों ने भारत की तरफ अंगुली उठाई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। भारत ने इन आरोपों का कड़ा प्रतिकार किया।
जिस तरह मानवता के इन दुश्मनों का पूरी दुनिया में खात्मा किया जा रहा है, इससे भारतीय नागरिकों और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों में उत्साह देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर देश की जनता भी इन हत्याओं का जोरदार स्वागत करती देखी जा रही है। जैसे ही कोई बड़ा आतंकी इन अज्ञात लोगों की गोलियों का निशाना बनता है, सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वाली पोस्ट की बाढ़ आ जाती है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लोग इन आतंकियों को किसी भी कीमत पर खत्म होते हुए देखना चाहते हैं।
इसे भी पढ़ें – सीजफायर का सच – ट्रंप के मोदी को हड़काने की असली कहानी
Share this content:
[…] इसे भी पढ़ें – 32 आतंकियों की ‘रहस्यमय ह… […]