देश की सुरक्षा से जुड़ी अति-संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी जासूसों को देने के आरोप में गिरफ्तार कुख्यात यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की मासिक आय ₹15,000 से ₹25,000 के बीच बताई जाती है, फिर भी वह केवल बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा करती थी और 5-स्टार होटलों में ठहरती थी। अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और हरियाणा जांच के दौरान यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि इतनी शान-ओ-शौकत की ज़िंदगी जीने के लिए उसके पास पैसे कहां से आते थे। ज्योति की मासिक आय और जीवनशैली के बीच का अंतर, साथ ही उनके विवादास्पद गतिविधियों के कारण, जांच एजेंसियां उनकी वित्तीय स्थिति और संपर्कों की गहन जांच कर रही हैं। इस बीच ज्योति के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क की पुष्टि कर दी गई है।
हालांकि 33 साल की ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने बताया कि यूट्यूब से उसे किसी महीने 15-20 हजार तो किसी महीने 25 हजार आते थे। यही उसकी इनकम थी। यह पूछने पर कि इतने कम पैसे से वह 5 स्टार होटल में कैसे ठहरती थी, उसकी खर्च कौन वहन करता था। इसका जवाब हरीश के पास नहीं था। समझा जाता है कि संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंट्स को देने के एवज में ज्योति को उनसे मोटी रकम मिलती थी। जास एजेंसियां इसी एंगल की भी जांच कर रही हैं।
ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल के 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर और इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख फॉलोअर्स हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके सब्सक्राइबर्स की संख्या कम हो रही है। वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। पहले गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में 20 हजार महीने की सेलरी पर काम करती थीं। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट गई। उसने पिता हरीश कारपेंटर हैं। 2022 में ब्लॉगिंग शुरू की। अब तक वह पाकिस्तान, चीन, भूटान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, यूएई जैसे देशों की यात्रा कर चुकी है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ज्योति के सोशल मीडिया पर अपलोडेड वीडियोज महज दिखावा थे। वह कई डिजिटल डिवाइसेज़ का उपयोग करती थी और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों के साथ नियमित संपर्क में रहती थी। इस संबंध में डिजिटल सबूत प्राप्त हुए हैं। हरियाणा पुलिस ने बताया कि स्नैपचैट, टेलीग्राम और व्हाट्सऐप जैसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग किया गया। एक मीडिया ब्रीफिंग में हिसार के पुलिस अधीक्षक (SP) शशांक कुमार ने कहा कि इस जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सहायता कर रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ नए सबूत सामने आए हैं। मल्होत्रा पर आरोप है कि वह कई पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में थीं और अपने इन संबंधों को छुपाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करती थीं। अधिकारियों ने बताया कि जासूसी की आरोपी के खिलाफ ताजा डिजिटल सबूत मिले हैं। पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि 2023 में वह पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी। इसके बाद वह दो बार और पाकिस्तान घूमने गई।
ज्योति पाकिस्तान में भी वह ऐसे स्थानों पर गई जहां आईएसआई के एजेंट्स होते थे। वह इंडोनेशिया के बाली शहर एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव के साथ गई। पर्यटन के वीडियों बनाने के बहाने ज्योति उन स्थानों का दौरा करती थीं, जहां जाने से पाकिस्तान या चीन को लाभ होता था। सबसे बड़ी बात उसने पहलगाम आतंकी हमले से कुछ समय पहले उसने पहलगाम का दौरा किया और वीडियो में बताने का प्रयास किया कि पूरे देश से पर्यटक कश्मीर आ रहे हैं और उसने यह भी बताया कि कहा-कहां सुरक्षा व्यवस्था है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी दूतावास में जश्न मनाया गया था। उस पार्टी के लिए केक ज्योति मल्होत्रा का फ्रेंड लेकर गया था। उस समय उसका वीडियो भी वायरल हुआ था। ज्योति के साथ उस व्यक्ति के ढेर सारे फोटो और वीडियो में है। वह शख्स ज्योति के कई वीडियों में दिखा भी है। सबसे बड़ी बात पहलगाम हमले के बाद वह फिर से वहां गई और वहां के हालात पर वीडियो बनाया।
आरोप है कि ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान हाई कमीशन में काम करने वाले दानिश नाम के एक अधिकारी के संपर्क में थी. इसी अधिकारी ने ज्योति को पाकिस्तान भी भेजा था। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी एजेंट्स ने उस पर भारतीय युवाओं को ब्रेनवॉश करने, सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान समर्थक प्रचार करने और संवेदनशील सूचनाएं एकत्रित करने जैसे तीन बड़े कार्य सौंपे थे।
ज्योति मल्होत्रा के इंस्टाग्राम अकाउंट को खंगालने पर सामने आया है कि यूट्यूबर पहलगाम आतंकी हमला होने से तीन महीने पहले श्रीनगर की यात्रा पर गई थी। इस दौरान ज्योति पहलगाम भी गई थी। जनवरी में श्रीनगर घूमने के बाद वह मार्च के महीने में पाकिस्तान गई थी। पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेने के लिए उसने किसी के ज़रिए पाकिस्तान एसेंबली के अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। इस दौरान उसने दानिश का मोबाइल नंबर ले लिया और उससे बात करने लगी। बातचीत के दौरान दोनों बहुत करीब आ गए। ज्योति दानिश के ट्रैप में फंस गई।
बहरहाल ज्योति दानिश की मदद से दो बार पाकिस्तान गई और वहां दानिश के सहयोगी अली अहवान ने उसका पाकिस्तान में ठहरने और घूमने का इंतजाम किया। बताया जाता है कि अली अहवान नाम के शख्स ने ही ज्योति की मुलाकात पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अधिकारियों से मिलवाया। इस यात्रा के दौरान ज्योति शाकिर और राणा शहबाज नाम के दो और जासूसो से भी मिली। शाकिर का मोबाइल नंबर उसने जट रंधावा के नाम से सेव किया। उसने यह इसलिए किया ताकि किसी को उस पर शक न हो।
जांच से जुड़े लोगों के मुताबिक पाकिस्तान से भारत वापस आने के बाद ज्योति मल्होत्रा स्नैपचैट, व्हाट्सऐप और टेलिग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम इन जासूसों से संपर्क में रही और देश विरोधी जानकारी देती रही। इस दौरान वह पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी दानिश के साथ भी लगातार संपर्क में रही। हिसार पुलिस के मुताबिक, ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की गोपनीय जानकारी भेज रही थी। लगभग दो साल के भीतर तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी ज्योति भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर आ गई थी।
ज्योति पर भारतीय एजेंसियों की नज़र मार्च 2024 में गई जब वह दानिश की दावत पर नई दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने गई। वीडियो में पाकिस्तानी अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के साथ नजदीकी दिखी तो एजेंसियों के कान खड़े हो गए। उसने कथित तौर पर भारत की सैन्य गतिविधियों, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर और सेना की तैनाती से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और इसके एजेंटों को दी।
ज्योति को 17 मई 2025 को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। पुलिस रिमांड कैसी होती है, सबको पता है। उसके मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। बैंक खातों और यात्रा इतिहास की भी जांच हो रही है। यदि दोषी पाई गईं, तो आजीवन कारावास या गंभीर मामलों में फांसी तक की सजा हो सकती है। हो सकता है कि वकील लोग निर्दोष साबित करवा दें।
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