रामचरितमानस – अरण्यकांड (Ram Charitmanas Aranya Kand)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
तृतीय सोपान
अरण्यकांड
श्लोक
मूलं धर्मतरोर्विवेकजलधेः पूर्णेन्दुमानन्ददं
वैराग्याम्बुजभास्करं ह्यघघनध्वान्तापहं तापहम्।
मोहाम्भोधरपूगपाटनविधौ स्वःसम्भवं शङ्करं
वन्दे ब्रह्मकुलं कलंकशमनं श्रीरामभूपप्रियम्॥1॥
सान्द्रानन्दपयोदसौभगतनुं पीताम्बरं सुन्दरं
पाणौ बाणशरासनं कटिलसत्तूणीरभारं वरम्
राजीवायतलोचनं धृतजटाजूटेन संशोभितं
सीतालक्ष्मणसंयुतं पथिगतं रामाभिरामं...
रामचरितमानस – अयोध्याकांड – दो (Ram Charitmanas Ayodhya Kand – Two)
दोहा- सुनहु भरत भावी प्रबल बिलखि कहेउ मुनिनाथ।
हानि लाभु जीवन मरनु जसु अपजसु बिधि हाथ॥171॥
अस बिचारि केहि देइअ दोसू। ब्यरथ काहि पर कीजिअ रोसू॥
तात...
रामचरितमानस – अयोध्याकांड – एक (Ram Charitmanas Ayodhya Kand – One)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
द्वितीय सोपान
अयोध्या-कांड
श्लोक
यस्याङ्के च विभाति भूधरसुता देवापगा मस्तके
भाले बालविधुर्गले च गरलं यस्योरसि व्यालराट्।
सोऽयं भूतिविभूषणः सुरवरः सर्वाधिपः सर्वदा
शर्वः सर्वगतः शिवः शशिनिभः श्रीशङ्करः...
रामचरितमानस – बालकांड – दो (Ram Charitmanas Bal Kand – Two)
दोहा- देखरावा मातहि निज अदभुत रुप अखंड।
रोम रोम प्रति लागे कोटि कोटि ब्रह्मंड॥201॥
अगनित रबि ससि सिव चतुरानन। बहु गिरि सरित सिंधु महि कानन॥
काल कर्म...
रामचरितमानस – बालकांड – एक (Ram Charitmanas Bal Kand – One)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
प्रथम सोपान
बालकांड
श्लोक
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥
भवानीशङ्करौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ।
याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाःस्वान्तःस्थमीश्वरम्॥2॥
वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शङ्कररूपिणम्।
यमाश्रितो हि वक्रोऽपि...
हनुमान चालीसा
श्री हनुमान चालीसा
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥
बद्धिहीन न तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि...
कहानी – ग्रीटिंग कार्ड
Geeting Card
हरिगोविंद विश्वकर्मा
आज पहली जनवरी थी। दिल्ली में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। भरपूर कपड़े पहनने के बाद भी शैल को काफी...
अलविदा ट्वेंटी-ट्वेंटी!
अलविदा-अलविदा, अलविदा ट्वेंटी-ट्वेंटी,
कोरोना लेके आया, कर दिया सेंटी-सेंटी।
करोड़ों हुए बीमार, लाखों को मार डाला,
संपूर्ण साल करता रहा, बबली बंटी-बंटी।
कोई क्वारंटीन रहा, कोई रहा घर...
कहानी – हे राम!
हरिगोविंद विश्वकर्मा
कोई रो रहा है।
–कौन है? क्यों रो रहा है? किसके लिए रो रहा है? मैं ख़ुद से सवाल करता हूँ। अपने दिमाग़ पर...
कोरोना काल में डॉक्टर व सरकार भी रावण
त्रेता में था एक ही रावण, अब तो हर गली में हैं रावण,
बस्ती-बस्ती फिर रहे रावण, कितने तुम मारोगे रावण।
पता करो कमी क्या है,...