जनता की आह और मंदी की आहट
सरोज कुमार
महंगाई और बेरोजगारी की लंबी खिंचती परिस्थिति जिस परिणाम में बदल सकती है, अर्थव्यवस्था में उसके संकेत दिखाई देने लगे हैं। यह संकेत...
बढ़ते हाथों को काम के लाले!
सरोज कुमार
बाजार जब रोजगार पैदा करना बंद कर दे तो समझिए अर्थव्यवस्था नीतिगत बीमारी की शिकार हो गई है, जिसका इलाज मुश्किल होता है।...
आम आदमी और अर्थव्यवस्था पर महंगी पड़ेगी महंगाई
सरोज कुमार
महंगाई कोई औचित्य का विषय नहीं जिसे खारिज कर देने से बात खत्म हो जाए। यह अनुभव का विषय है, आमजन की जेब...
कर्ज का बढ़ता मर्ज और आम आदमी का दर्द
सरोज कुमार
कर्ज की सामाजिक प्रतिष्ठा भले न हो, इसकी आर्थिक प्रतिष्ठा में कोई कमी नहीं है। अर्थव्यवस्था तो कर्ज बिना दो कदम नहीं चल...
अर्थव्यवस्था में आमदनी का संकट
सरोज कुमार
आमदनी बगैर अर्थव्यवस्था और पानी बगैर नदी की कल्पना बेमानी है। स्रोत सूख गए तो समझिए दोनों का अस्तित्व संकट में। अपनी अर्थव्यवस्था...
बेलगाम होती महंगाई
सरोज कुमार
जेब की जलन बर्दाश्त करते-करते बेसुध हो चुकी आम जनता को आंकड़े ने एक बार फिर महंगाई की याद दिलाई है। मई महीने...
रुपए की इस अंधेरी रात की सुबह कब?
सरोज कुमार
रुपया इन दिनों अपनी कमजोरी का कीर्तिमान बना रहा है। वह कमजोरी के ऐसे कुचक्र में फंसा दिखता है, जहां से बाहर निकल...
बोतल से बाहर बेरोजगारी का जिन्न
सरोज कुमार
बेरोजगारी महामारी से पहले भी पैंतालीस साल के निचले पायदान पर थी, लेकिन महामारी के दौरान बेरोजगारी का ठीकरा फोड़ने के लिए हमें...
महंगे ईंधन की आग से झुलसता आम आदमी
सरोज कुमार
अंतर्राष्ट्रीय बाजार के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हर रोज की वृद्धि अप्रत्याशित भले नहीं है, लेकिन इस अंतहीन वृद्धि का घरेलू...
महंगाई गायब कर देगी आपकी मुस्कान
सरोज कुमार
कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार भले ही मंद पड़ गई है, लेकिन महंगाई का मन लगता है अभी भरा नहीं है। महंगाई लगातार...