महिलाओं की सजगता ही क्राइम से बचने का एक मात्र विकल्प – ममता रानी...
संवाददाता
वाराणसीः वाराणसी की एडिशनल डीसीपी (विमेन क्राइम) सुश्री ममता रानी चौधरी ने महिलाओं को हिंसा से बचने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए...
सहकारिता को सरकारिता से चुनौती
सरोज कुमार
सहकारिता का सीधा अर्थ साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से काम करना है। शासन में नहीं, आत्मानुशासन में। सहकार समाज का हमेशा से आधार...
जनता की लाचारी, स्थायी भाव में बेरोजगारी
सरोज कुमार
भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में नौ रसों के नौ स्थायी भावों का जिक्र है। अब 10वां स्थायी भाव अर्थशास्त्र से जुड़ता दिख रहा है।...
पति-पत्नी के बिखरते रिश्ते को चित्रित करता है ‘पूर्ण पुरुष’
मधुबाला शुक्ला
विजय पंडित द्वारा लिखित ‘पूर्ण पुरुष’ नाटक का हाल ही में लोकार्पण दिल्ली के पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन द्वारा संपन्न हुआ। सोशल...
निवेश का अभाव, निवाले का संकट
सरोज कुमार
निवेश अर्थव्यवस्था का आधार होता है। निवेश के अभाव में अर्थव्यवस्था अर्थहीन हो जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा दशा इसका एक उदाहरण...
किशोर बियानी ने पांच लाख लोगों को ढकेला भुखमरी के कगार पर
छोटे व्यापारियों के बिलों का 2019 से भुगतान नहीं, 200 करोड़ रुपए बकाया
संवाददाता
मुंबई, भारत में मॉडर्न रिटेल के फादर कहे जाने वाले फ्यूचर ग्रुप...
कठिन होती रोजगार की राह
सरोज कुमार
वैश्विक अस्थिर आर्थिक हालात के बीच घरेलू कुप्रबंधन का परिणाम क्या होता है, भारतीय रोजगार बाजार की मौजूदा स्थिति इसका आईना है। मौजूदा...
महंगाई में कच्चे तेल का तड़का
सरोज कुमार
महंगाई की मौजूदा तकलीफ वैसे ही कम न थी। तेल अब इसमें नई तकलीफ जोड़ने वाला है। तेल की नई तकलीफ आमजन तक...
जनता की आह और मंदी की आहट
सरोज कुमार
महंगाई और बेरोजगारी की लंबी खिंचती परिस्थिति जिस परिणाम में बदल सकती है, अर्थव्यवस्था में उसके संकेत दिखाई देने लगे हैं। यह संकेत...
बढ़ते हाथों को काम के लाले!
सरोज कुमार
बाजार जब रोजगार पैदा करना बंद कर दे तो समझिए अर्थव्यवस्था नीतिगत बीमारी की शिकार हो गई है, जिसका इलाज मुश्किल होता है।...