हरिगोविंद विश्वकर्मा
महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के परिणामों में “लाडली बहिण योजना” का इम्पैक्ट साफ़ दिख रहा है। अंतिम समाचार मिलने तक भारतीय जनता पार्टी नीत महायुती ने 227 सीटों पर जीत दर्ज की है। अकेले भारतीय जनता पार्टी ने 132 सीटों पर विजय श्री हासिल की है। चुनाव परिणाम साफ लग रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में लाडली बहिण योजना नाम की सुनामी चल रही थी। महिलाओं की मतदान प्रतिशत इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में 6 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया था। इतनी अपार सफलता की उम्मीद राजनीति के पंडितों ने भी नहीं की थी।
राज्य के पांच जिलों पुणे, ठाणे, नासिक, नागपुर, और सोलापुर में माझी “लाडकी बहिण योजना” के सबसे अधिक लाभार्थी थीं, इन जिलों में इस बार ज्यादा मतदान हुआ। दरअसल, हर महीने 1500 रुपए पाने वाली महिलाओं ने बड़े उत्साह से चुनाव में हिस्सा लिया था। विधानसभा चुनाव से पहले, इस योजना के तहत 2.3 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹1,500 प्रति माह की चार किस्तें मिल चुकी थीं।
लाडली बहिण योजना महायुति सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद शुरू की गई थी। पुणे जिले में विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं का मतदान प्रतिशत 60.9 प्रतिशत रहा, जो लोकसभा चुनाव में 54.7 प्रतिशत था। इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी महिलाओं की मतदान दर बढ़ी। ठाणे में यह 52.4 प्रतिशत से बढ़कर 57.1 प्रतिशत, नासिक में 60 प्रतिशत से बढ़कर 67.7 प्रतिशत, नागपुर में 54.9 प्रतिशत से 60.4 प्रतिशत, और सोलापुर में 58.4 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत हो गई।
इसी तरह मुंबई के कोलाबा, अणुशक्ति नगर, धारावी, चांदिवली, मानखुर्द शिवाजीनगर, वर्ली, दिंडोशी, सायन कोलीवाडा, बांद्रा पश्चिम, शिवड़ी, मागाठाणे और कुर्ला समेत 40 विधानसभा में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा। इसके अलावा राज्य की 50 सीटों पर पुरुष और महिला वोटरों का प्रतिशत समान रहा। इन सीटों पर हर बार महिलाओं का उतना वोट नहीं पड़ता था जितना इस बार पड़ा।
महाराष्ट्र में बेशक देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा विकास हुआ है, इसके बावजूद बहुत बड़ी तादाद में गरीब परिवार हैं। इनमें ढेर सारे परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास नियमित आमदनी का कोई साधन नहीं है। ऐसे परिवार में महिला के खाते में हर महीने 1500 रुपए आना उस परिवार के लिए वरदान की तरह था। लाडली बहिण योजना की पैसे से महिलाओं का पति पर निर्भरता खत्म हो गई। महायुती के चुनाव में यह बहुत बड़ा फैक्टर रहा।
पुणे में दैनिक मजदूरी करने वाली रीता जाधव का उदारण ले सकते हैं। रीता तलाकशुदा हैं और वह दो बोटियों और एक बेटे की मां हैं। बेटियां अपने ससुराल हैं और बेटा बेरोजगार। अब वह 1500 में राशन की व्यवस्था कर लेती है। लाडकी बहिण योजना शुरू करने वाले देवेंद्र फडणवीस उनके लिए भगवान की तरह है। इस तमाम फक्टर्स ने उल्लेखनीय कार्य किया और अंततः बीजेपी ने जीत के सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर डाले।