नई दिल्ली, सोलहवीं सदी के चर्चित स्पेनी कथाकार मिगुएल द सर्वांतस की कालजयी कृति ’डॉन क्विग्जोट’ का अब संस्कृत संस्करण पाठकों के लिए उपलब्ध हो गया है। विश्व के पहले आधुनिक उपन्यास के संस्कृत संस्करण का विमोचन यहां बुधवार को एक समारोह में स्पेनी भाषा संस्थान, इंस्टीट्यूटो सर्वांतस के महानिदेशक लुईस गार्सिया मोंटेरो और भारत में स्पेनी राजदूत जोस मारिया रिडाओ ने किया।
डॉन क्विग्जोट का मूल संस्करण स्पेनी भाषा में दो खंडों में 1605 और 1615 में प्रकाशित हुआ था। स्पेनी में इस उपन्यास का नाम ’अल इनजेनिओसो हिडालगो डान क्विजोट डी ला मांचा’ है। यह उपन्यास अपनी कथा शैली, कथन शैली, और शिल्प को लेकर पुरी दुनिया में चर्चित हुआ। इतना कि इस कृति को पाश्चात्य साहित्य का आधार स्तंभ माना जाने लगा। इसे अक्सर दुनिया का पहला आधुनिक उपन्यास भी कहा जाता है, जिसे अबतक लिखे गए उपन्यासों में एक सबसे महान कृति का दर्जा हासिल है। उपन्यास की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह दुनिया की सर्वाधिक भाषाओं में अनूदित होने वाली कृतियों में से एक है।
संस्कृत भाषा में इस कृति का अनुवाद अमेरिकी पुस्तक संग्रहकर्ता कार्ल टिल्डेन केलर की सलाह पर ब्रिटिश खोजकर्ता सर मार्क ऑरेल स्टीन की मध्यस्थता में दो कश्मीरी विद्वानों -पंडित जगधर जादू और पंडित नित्यानंद शास्त्री- ने 1936-37 में उपन्यास के अंग्रेजी संस्करण से किया था, जिसकी पांडुलिपि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हफटन पुस्तकालय में रखी हुई है। उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद मूल स्पेनी संस्करण से 18वीं सदी के पूर्वार्ध में चार्ल्स जारविस ने किया था।
अब उपन्यास के संस्कृत संस्करण का प्रकाशन सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे के पाली भाषा विभाग ने किया है, जिसमें ’डान क्विग्जोट’ के प्रथम खंड के आठ अध्यायों को शामिल किया गया है। उपन्यास के संस्कृत संस्करण का संपादन पुणे इंडोलॉजिकल सीरीज के सह-संपादक द्रैगोमीर दिमित्रोव ने किया है। उपन्यास में संस्कृत अनुवाद तथा उसका अंग्रेजी अंश आमने-सामने के पृष्ठों पर दिए गए हैं।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर पंडित नित्यानंद शास्त्री के पोते एस.एन. पंडित, पुणे विश्वविद्यालय में पाली भाषा के प्राध्यापक और पुणे इंडोलॉजिकल सीरीज के प्रधान संपादक महेश देवकर और इंस्टीट्यूटो सर्वांतस के दिल्ली केंद्र के निदेशक आस्कर पुजोल भी उपस्थित थे। उपन्यास के इस संस्कृत संस्करण के साथ पांच घंटे 28 मिनट का एक ऑडियो बुक भी है। ऑडियो बुक सहित इस उपन्यास की कीमत 2400 रुपए है।
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