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महिलाओं की सजगता ही क्राइम से बचने का एक मात्र विकल्प – ममता रानी चौधरी

महिलाओं की सजगता ही क्राइम से बचने का एक मात्र विकल्प – ममता रानी चौधरी

संवाददाता
वाराणसीः वाराणसी की एडिशनल डीसीपी (विमेन क्राइम) सुश्री ममता रानी चौधरी ने महिलाओं को हिंसा से बचने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि महिलाओं का हर समय सजग रहना ही हर अपराध से बचने का एक मात्र विकल्प है। इसलिए जो महिलाएं सजग रहती हैं, वे किसी भी तरह के अपराध, चाहे वे साइबर अपराध हों या दूसरे अपराध, से कोसों दूर रहती हैं।

उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी सुश्री ममता रानी चौधरी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से संबद्ध महिला महाविद्यालय (एमएमवी) में “प्रिवेंशन ऑफ डिस्क्रिमिनेशन अगेन्स्ट विमेन फ्रंटनाइट” विषय पर आयोजित 17 दिवसीय सेमिनार में महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्हें हर तरह के अपराधों से बचने और खुद को महफूज रखने के कई टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि हर महिला का जागरूक होना समय की मांग है।

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सेमिनार में बतौर मुख्या वक्ता अपने संबोधन में सुश्री ममता रानी चौधरी ने कहा कि आज हम साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए तकनीक से दूर नहीं जा सकते, इसलिए हमें तकनीक के साथ-साथ स्मार्टनेस को अपना कर खुद को सर्वोत्कृष्टता की ओर ले जाने के हुनर सीखना चाहिए। उन्होंने कह कि सोशल मीडिया के दौर में हर महिला को कानूनी प्रावधानों के बारे जानना चाहिए ताकि वह खुद को हिंसा से बचा सके और सुरक्षित रख सके।

17 दिवसीय सेमिनार की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर रीता सिंह ने बताया कि साइबर अपराधों में हिंसक ऑनलाइन व्यवहार, ऑनलाइन उत्पीड़न, यौन हमलों, हत्याओं और प्रेरित आत्महत्याओं सहित शारीरिक नुकसान पहुंचाने की इच्छा एवं सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी तक शामिल है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के प्रचार-प्रसार के साथ, महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। लिहाजा, महिलाओं विशेषकर बच्चियों को इसे समझने एवं इनसे बचने की आवश्यकता है।

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रीता सिंह ने कहा कि महिला महाविद्यालय की छात्राएं आजकल जीवन कौशल के विभिन आयामों से परिचित हो रही है। इन्हीं में से एक है साइबर इंटेलिजेंस जिस पर इस सेमिनार में परिचर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि साइबर इंटेलिजेंस का अर्थ है कि बदलते समय में जब इंटरनेट एक आवश्यकता के रूप में हम सब के जीवन में शामिल है। इसके साथ किस प्रकार का व्यहवार होना चाहिए महिलाओं में इसकी भी समझ होनी चाहिए।

कार्यक्रम की अन्य वक्ता वाराणसी में पिछले 25 साल से ज़्यादा समय से बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों और घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं की मदद कर रहे एनजीओ सोसाइटी एक्शन एंड रिसर्च सेंटर (SARC) की डायरेक्टर सुश्री रंजना गौड़ ने कहा कि महिलाओं के लिए पितृसत्तात्मक समाज में आगे बढ़ना आसान नहीं होता है। उन्हें कई फ्रंट पर संघर्ष करना होता है। उन्होंने भी छात्राओं को महिला उत्पीड़न के विभिन्न केसेज़, उनसे बचने के तरीकों एवं अधिकारों से परिचित करवाया। कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान की प्रोफेसर कविता पांडेय ने किया।

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Harigovind Vishwakarma is basically a Mechanical Engineer by qualification. With an experience of over 30 years, having worked in various capacities as a journalist, writer, translator, blogger, author and biographer. He has written two books on the Indian Prime Minister Narendra Modi, ‘Narendra Modi : Ek Shakhsiyat’, detailing his achievements as the Gujarat chief minister and other, ‘Narendra Modi: The Global Leader’. ‘Dawood Ibrahim : The Most Wanted Don’ is another book written by him. His satires are regularly published in prominent publications.

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