गलवान घाटी में शहीद सैनिकों के सम्मान में स्मारक बना

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भारतीय थल सेना ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए अपने 20 जवानों के सम्मान में एक स्मारक बनाया है। यह स्मारक पूर्वी लद्दाख के पोस्ट 120 में स्थित है और इस हफ्ते की शुरूआत में इसका अनावरण किया गया था। इस पर ‘स्नो लियोपार्ड’ (हिम तेंदुआ) अभियान के तहत ‘गलवान के वीरों’ के बहादुरी भरे कारनामों का उल्लेख किया गया है।

स्मारक पर यह उल्लेख भी किया गया है कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को झड़प में भारी नुकसान पहुंचाते हुए इलाके को मुक्त कराया। चीन ने अपने मारे गए जवानों की संख्या सार्वजनिक नहीं की। हालांकि उसने अपने पांच सैनिकों के हताहत होने की बात आधिकारिक रूप से स्वीकार की है। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे। श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग पर स्थित पोस्ट 120 पर बने स्मारक पर थल सेना के सभी 20 शहीद कर्मियों के नाम लिखे गए हैं। झड़प में शहीद हुए जवानों में कर्नल बी संतोष बाबू भी शामिल थे जो 16 वीं बिहार रेजीमेंट से थे।

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स्मारक पर 20 सैन्य कर्मियों की सूची में तीन नायब सूबेदार, तीन हवलदार और 12 सिपाही शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने कर्नल बाबू और अन्य सैनिकों के नाम दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी उकेरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गलवान झड़प के बाद चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच पैदा हुआ गतिरोध अब भी कायम है। हालांकि, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता हुई है लेकिन गतिरोध समाप्त करने के लिये अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

लद्दाख के गलवान वैली सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ 15 जून 2020 झड़प में 20 भारतीय सेनिकों के शहीद हो गए थे। भारत के आधिकारिक बयान के मुताबिक सीमा से पीछे हटने के दौरान हुई झड़प में सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की मौत हो गई थी, कई सैनिक घायल हुए थे, उनमें 17 की मौत हो गई। इस तरह इस झड़प में कुल 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। समाचार एजेंसियों ने कहा है कि इस झड़प में 43 चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी।

दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी तो नहीं हुई, लेकिन खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।संकरी पहाड़ी पर संघर्ष के दौरान कुछ भारतीय सैनिक नदी में गिर गए। भारत और चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 15 जून को चीन की ओर से स्थिति बदलने के प्रयास के फलस्वरूप ऐसा हुआ। हालांकि इसमें दोनों पक्षों को नुकसान हुआ, जिससे बचा जा सकता था। कहा गया था कि झड़प में 43 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। हालांकि चीन सरकार ने अपने 43 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि नहीं की थी। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि झड़प में 5 चीनी सैनिक मारे गए।

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चीन के सैनिक पहले से ही पूरी तरह तैयार होकर आए थे,भारतीय सैनिकों पर अचानक कर दिया और शुरुआत में भारतीय कर्नल सहित 3 जवान शहीद हुए। सूत्रों के अनुसार चीन बड़ी सेना लेकर करीब 800 सैनिक के साथ एलएसी पर आ धमका, जबकि भारत के सिर्फ़ 50 से 60 जवान थे। चीनियों ने एकाएक हमला किया,कई भारतीय सैनिकों को अगवा कर लिया,उनको छुड़ाने गए जवानों पर अग्रेसिव हमला किया। तभी तक भारत की और सेना की टुकड़ी पहुंची और चीनियों को खदेड़ना शुरू किया, जिसमें करीब कई चीनी सैनिक घायल हुए।

चायनीज़ पीपल लिबरेशन आर्मी के जवान अपने साथ रोड,कंटीले तार और नुकीले पत्थर लेकर आए थे।

सीमा प्रबंधन को लेकर जिम्मेदार रवैये के मद्देनजर भारत सभी काम एलएसी में अपनी सीमा के अंदर ही करता है। चीन से भी ऐसी ही उम्मीद रखता है। भारत सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है। भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। सीमा पर जारी तनाव के बीच पेइंचिंग में चीनी उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई से भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने मुलाकात की थी।

शहीदों की पूरी सूची

  1. कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू (हैदराबाद)
  2. नायब सूबेदार नुदूराम सोरेन (मयूरभंज)
  3. नायब सूबेदार मनदीप सिंह (पटियाला)
  4. नायब सूबेदार सतनाम सिंह (गुरदासपुर)
  5. हवलदार (गनर) के. पलानी (मदुरै)
  6. हवलदार सुनील कुमार (पटना)
  7. हवलदार बिपुल रॉय (मेरठ सिटी)
  8. नायक दीपक कुमार (रीवा)
  9. सिपाही राजेश ओरांग (बीरभूम)
  10. सिपाही कुंदन ओझा (साहिबगंज)
  11. सिपाही गणेश राम (कांकेर)
  12. सिपाही चंद्रकांत प्रधान (कंधमाल)
  13. सिपाही अंकुश (हमीरपुर)
  14. सिपाही गुरबिंदर (संगरूर)
  15. सिपाही गुरतेज सिंह (मनसा)
  16. सिपाही चंदन कुमार (भोजपुर)
  17. सिपाही कुंदन कुमार (सहरसा)
  18. सिपाही अमन कुमार (समस्तीपुर)
  19. सिपाही जयकिशोर सिंह (वैशाली)
  20. सिपाही गणेश हंसदा (पूर्वी सिंहभूम)
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