बहावलपुर और अन्य जगहों पर हमले में 75 आतंकवादी मार गिराए गए
भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी शिविरों पर सर्जिकल हमले कर उन्हें तबाह कर दिया। यह कार्रवाई दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जिसमें आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था। बहावलपुर और अन्य जगहों पर हमले में 75 आतंकवादी मार गिराए गए। इससे पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद का पूरा परिवार खत्म हो गया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बुधवार तड़के मसूद अजहर के घर पर भारतीय वायुसेना ने हमला किया. इस हमले में परिवार के 14 आतंकवादी मारे गए। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सीमा से 100 किमी दूर पर स्थित मसूद अजहर के घर बहाबलपुर में रात के करीब 1.30 बजे भारतीय सेना ने स्ट्राइक किया। इस स्ट्राइक में मसूद के उस ठिकाने पर बम गिराए गए, जहां उसका पूरा परिवार सोया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बम गिरते ही परिवार के 14 लोग ढेर हो गए. हालांकि, हमले के वक्त घर पर मसूद अजहर मौजूद नहीं था। हालांकि अपुष्ट ख़बरों में मसूद अजहर के भी मारे जाने की बात कही जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन का सबसे बड़ा निशाना जैश-ए-मोहम्मद का पीओजेके स्थित मुख्यालय रहा, जहां पर सटीक हवाई हमले कर उसे भारी नुकसान पहुंचाया गया। इस ऑपरेशन में ड्रोन, रॉकेट सिस्टम और गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया गया। भारत ने यह कार्रवाई पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में की है। इस हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी कई घायल हुए थे। इसके बाद ही सरकार ने सेना को ‘निर्णायक उत्तर’ देने के निर्देश दिए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को बधाई देते हुए कहा, “पहलगाम में हमारे जवानों पर हुआ हमला पूरे देश पर हमला था। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सेना ने देश की असली ताकत दिखाई है।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “जैश के मुख्यालय को निशाना बनाकर यह संदेश दे दिया गया है कि भारत अब हर हमले का जवाब सीमा पार जाकर देगा।” विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “पहलगाम में शहीद हुए जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश सेना के साथ खड़ा है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बताया कि यह ऑपरेशन लंबे समय से तैयार की गई रणनीति का हिस्सा था, और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए आगे और भी कदम उठाए जाएंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकी हमलों को सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि उसका जवाब दुश्मन के घर में घुसकर देगा। जैश के मुख्यालय पर हमला इस बात का प्रमाण है कि अब आतंक के आका भी सुरक्षित नहीं हैं।
ऑपरेशन सिंदूर अपने आधिकारिक बयान में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में बर्बरतापूर्वक हमला किया। इसमें वहां मौजूद लोगों को करीब से और परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात कराया गया। जम्मू कश्मीरी में पर्यटन बढ़ रहा था। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट कश्मीर आए थे। इस संघ राज्य क्षेत्र में विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा रखने का उद्देश्य था। ये जम्मू-कश्मीर सहित भारत में सामुदायिक घटना कराने की कोशिश की। एक TRF समूह ने जिम्मेदारी ली, जो पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप तश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। हमारी खुफिया एजेंसियों ने कई जानकारी जुटाई है। पाकिस्तान का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। ये आतंकवादियों का शरण स्थली बना है।”
सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान ने अंतराराष्ट्रीय मंचों को गुमराह करता है। साजिद मीर को मृत्य घोषित किया, जो बाद में जिंदा पाया गया। घटना के बाद भारत में रोष देखा गया। भारत सरकार ने पाकिस्तान संग संबंधों पर कई अहम घोषणा की। 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी रहा। पाकिस्तान ने इस पर कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं। पाकिस्तान ने उल्टा आरोप लगाया। हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया कि आगे भी भारत के विरुद्ध हमले हो सकते हैं। इसे रोकना जरूरी था। भारत ने सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने के अधिकार का प्रयोग किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारी से हुई है। भारत में भेजे जाने वाले आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन हुआ है।”
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