परमाणु ऊर्जा नेट-ज़ीरो में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकती है – डॉ अनिल काकोडकर

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क्लाइमेट चेंज और न्यूक्लियर पावर की भूमिका पर आधारित पुस्तक का विमोचन

संवाददाता
मुंबई, विश्व प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल काकोडकर का कहना है कि आने वाले समय में परमाणु ऊर्जा से बनने वाली बिजली स्वच्छ, हरित, सुरक्षित और किफायती विकल्प साबित हो सकती है और वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को कम करके नेट-ज़ीरो में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकती है।

डॉ काकोडकर मंगलवार की शाम मुंबई स्थित नेडरू सेंटर में डॉ अरुण नायक, डॉ सम्यक मुनोत और एमेरेट्स प्रोफेसर ज्येष्ठराज वी. जोशी द्वारा लिखी गयी “क्लाइमेट चेंज, क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन एनर्जी ऑप्शन्स एंड रिलेवेंस ऑफ न्यूक्लियर पावर” का विमोचन के बाद हुई गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए डॉ काकोडकर ने परमाणु ऊर्जा के खूबियों के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। इस पुस्तक का विमोचन देश के विद्यार्थियों एवं युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में 28 फरवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन एक सादे समारोह में किया गया जहां परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष, डॉ ए. के. मोहंती, बी ए आर सी के निदेशक डॉ विवेक भसीन एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ वी. के. सारस्वत ने अपने संदेश के जरिये अपनी शुभकामनाएँ पेषित की। साथ ही इस अवसर पर ए ई आर बी के पूर्व अध्यक्ष एस एस बजाज, आई सी टी, मुंबई के एमिरेट्स प्रो. एम. एम. शर्मा, सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे।

इस पुस्तक के माध्यम से वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रहे जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र ऊर्जा के स्वच्छ, हरित और सुरक्षित विकल्पों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है। खास तौर पर विश्व में ग्लोबल वार्मिंग के चलते वातावरण में प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है।

अपनी पुस्तक के विमोचन के उपलक्ष्य में परमाणु ऊर्जा विभाग में प्रमुख (एनसीपीडब्ल्यू) एवं लेखक डॉ अरुण नायक ने आने वाले समय में विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अपने जीवन काल को पूर्ण कर चुके कोयले पर आधारित विद्युत सन्यंत्रों के स्थान पर छोटे और मॉड्यूलर (एसएमआर प्रकार के) न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना एवं उनकी भूमिका पर चर्चा की।

पुस्तक के वरिष्ठ सह-लेखक एवं एचबीएनआई के एमेरिटस पोफेसर ज्येष्ठराज बी जोशी ने बताया कि किस तरह से आज विश्व स्तर पर भारत स्वच्छ ऊर्जा तकनीक के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर के रूप में आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में भारत विश्व के प्रमुख विकसित देशों के पायदान पर अग्रणी होगा। साथ ही इस पुस्तक के सबसे युवा लेखक डॉ सम्यक ने बताया कि आने वाले समय में हमारे देश की युवा पीढ़ी किस तरह से परमाणु ऊर्जा को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखेगी और इसके विकास में अपना योगदान देगी।

इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को बहुत ही रोचक तरीके से पलाइमेट चेंज के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम एवं परमाणु ऊर्जा के रूप में विद्युत के स्वच्छ और सुरक्षित विकल्प के बारे में प्रयास किया गया है। इसके अलावा इस पुस्तक के माध्यम से देश भर में परमाणु ऊर्जा के पति जन-जागरूकता को बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा। यह पुस्तक पाठकों के लिए विभिन्न साइट्स एवं ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर उपलब्ध होगी जिसे सुंदरम पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।