अमिताभ बच्चन अंत तक अमर सिंह को माफ नहीं कर पाए 

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भारतीय राजनीति के मास्टर खिलाड़ी रहे ठाकुर अमर सिंह के निधन पर सब लोग कभी उनके बहुत क़रीबी दोस्त रहे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। कई लोग, ख़ासकर मीडिया से जुड़े लोग तो बार-बार अमिताभ का ट्विटर और दूसरे सोशल नेटवर्किंग अकाउंट खोल रहे थे। लेकिन शाम तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखना भी शुरू कर दिया। लेकिन शाम 7.14 बजे अमिताभ ने ट्विटर पर अपना सिर झुकाया हुआ फोटो पोस्ट किया। बिग बी ने इस फोटो को कोई कैप्शन नहीं दिया। लेकिन लोगों को लगा कि अमिताभ का सिर झुकाए हुए यह पोस्ट स्वर्गीय अमर सिंह के लिए ही है। हालांकि अमिताभ ने बाद में वही फोटो अपने ब्लॉग पर शेयर किया और उसके साथ लिखा।
‘‘शोक ग्रस्त, मस्तिष्क झुका, प्रार्थनाएं केवल रहीं,
निकट प्राण, संबंध निकट, वो आत्मा नहीं रही !’’

लिहाज़ा, इसके बाद लोगों ने इसे अमिताभ की अमर सिंह के निधन पर अधिकृति प्रतिक्रिया मान लिया। हालांकि कई लोगों को सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों का नाम लेकर तारीफ़ करने वाले अमिताभ बच्चन द्वारा अपने दोस्त के बारे में इस तरह का रिएक्शन हजम नहीं हो रहा है। लोग मन ही मन सवाल कर रहे हैं कि अमिताभ बच्चन ने अमर सिंह का नाम क्यों नहीं लिखा? उनके साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी? निधन की ख़बर सुनने के बाद इतना साहित्यिक और रहस्यमय प्रतिक्रिया क्यों दी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राजनीति, उद्योग-जगत और बॉलीवुड के हर शख्स ने अमर सिंह का नाम लेकर या अपना उनके साथ पोटो या केवल उनका फोटो शेयर करते हुए दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

यहां तक कि अमर सिंह को एकदम नापसंद करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अमर सिंह के निधन पर उनके और मुलायम सिंह यादव के साथ अपनी फोटो को ट्विट करते हुए लिखा “श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि।“ जबकि यह सर्व विदित है कि तीन साल पहले जब समाजवादी पार्टी में कलह मची तो अखिलेश ने कलह के लिए अमर सिंह को ज़िम्मेदार ठहराया था। इसके बावजूद अमर सिंह के निधन पर अखिलेश ने शिष्टाचार वश उनकी फोटो शेयर करते हुए उन्हें याद किया। लेकिन सदी के महानायक ने इतना भी नहीं किया। जबकि कोरोना के चलते नानावटी कोरोना अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी अमिताभ बच्चन की सोशल मीडिया पर सक्रियता में कोई कमी नहीं आई है।

वह कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद सोशल मीडिया पर उतनी ही शिद्दत से सक्रिय हैं और अक्सर कुछ न कुछ पोस्ट करते रहते हैं। कुछ दिनों पहले एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर जब ख़बर चलने लगी कि अमिताभ बच्चन जल्दी ही नानावटी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर जाने वाले हैं। तो पिछले तीन हफ़्ते से ज़्यादा समय से नानावटी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती अमिताभ बच्चन ने खुद ट्विट करके उस ख़बर को फेक यानी ग़लत बताया था और यह भी कहा कि अभी उनके डिस्चार्ज होने की कोई ख़बर नहीं है। हालांकि अमर सिंह के निधन के एक दिन बाद यानी 2 अगस्त की शाम कोरोना टेस्ट निगेटिव आने पर अमिताभ को नानावटी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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हैरान करने वाली बात है कि पहली अगस्त को ही अमिताभ बच्चन ने शनिवार की सुबह अपने ट्विटर अकाउंट पर दो और पोस्ट शेयर किया था, मतलब दोनों का समान ही था। दोनों पोस्ट का मतलब और इशारा ऐसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के बारे में था, जो किसी के किसी के बारे में कुछ बोल कर उससे संबंध ख़राब कर लेते हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि अमिताभ ने यह पोस्ट किसके लिए शेयर किया था। पहला पोस्ट सुबह 7.51 बजे का है, जबकि दूसरा पोस्ट सुबह 11.35 बजे का। यह संयोग ही है कि दोनों पोस्ट के कुछ घंटे बाद अमर सिंह के निधन की ख़बर आ गई।

पहले पोस्ट में अमिताभ बच्चन ने लिखा “जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती..!!” यह पोस्ट अमर सिंह पर एकदम फिट बैठता है। इसी तरह दूसरे पोस्ट में पहले एक श्लोक ‘वचनैरसतां महीयसो न खलु व्येति गुरुत्वमुद्धतैः। किमपैति रजोभिरौर्वरैरवकीर्णस्य मणेर्महार्घता।। (शिशुपालवधम्, १६.२७)’ लिखा। फिर उसका हिंदी अनुवाद ‘दुर्जनों के वचन से सज्जनों का गौरव कम नहीं होता। पृथ्वी की धूलि से ढके हुए रत्न की बहुमूल्यता कभी नष्ट नहीं होती।’ गौरतलब है कि संबंध ख़राब होने के बाद अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन को बहुत भला-बुरा कहा था, लेकिन अमिताभ ने सौम्यता का परिचय देते हुए कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी।

वह पिछले 23 दिन से नानावटी अस्पताल में थे। दरअसल, भारतीय राजनीति और सिनेमा जगत में अमिताभ बच्चन और अमर सिंह की दोस्ती काफी चर्चा में थी। यह दोस्ती तब शुरू हुई जब अमिताभ बच्चन गंभीर आर्थिक संकट में थे। बात 1990 के दशक की है जब अमिताभ अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहे थे। उनकी कंपनी अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड दिवालिया हो चुकी थी। नौबत अमिताभ बच्चन के बंगले की नीलामी तक पहुंच गई थी। उसी समय अमर सिंह उनकी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आ गए। कहा जाता है कि उस वक़्त उन्होंने अमिताभ को डूबने से बचाया था। इस दौरान अमर सिंह ने सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत राय समेत कई बड़े लोगों से अमिताभ की दोस्ती करवाई थी।

वस्तुतः दोनों के रिश्ते बिगड़ने उस वक्त शुरू हुए जब समाजवादी पार्टी में अखिलेश का कद बढ़ने लगा और अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया। लेकिन उस समय बच्चन परिवार अमर सिंह के साथ खड़ा नहीं हुआ। अमर सिंह उम्मीद कर रहे थे कि उनके साथ जया बच्चन भी समाजवादी पार्टी छोड़ देंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उल्टे जया ने अमर सिंह को ही निशाने पर ले लिया। इसके बाद अमर सिंह अमिताभ से नाराज़ हो गए। उन्होंने न सिर्फ जया बच्चन और ऐश्वर्या राय के रिश्तों को लेकर बच्चन परिवार पर निशाना साधा, बल्कि एक वीडियो जारी करके ट्विटर पर जया को उनके संसद में दिए गए उनके बयान के लिए घेरा था और इसके बाद कई बार बच्चन परिवार को खरी-खोटी सुनाते रहे।

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हालांकि कुछ साल पहले अमर सिंह एक घोटाले में गिरफ़्तार हो गए और सबने उनसे मुंह मोड़ लिया। इसके चलते वह बीमार हो गए और उनका किडनी का ट्रांसप्लांट भी हुआ। वह इस साल जनवरी से फिर सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। उसी दौरान फरवरी में उन्होंने वीडियो जारी कर अमिताभ से माफी मांगी। उन्होंने कहा था, ‘आज मेरे पिता की पुण्यतिथि है और मुझे इसके बारे में अमितजी का मैसेज आया। अपने जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं ज़िंदगी और मौत से जूझ रहा हूं, मुझे अमित जी और उनके परिवार के लिए हद से ज़्यादा बोल जाने का गहरा पश्चाताप हो रहा है। भगवान उनके परिवार को अच्छा और कुशल रखे। हालांकि अमिताभ बच्चन ने अमर सिंह के माफ़ीनामे पर भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी।

कहा जा रहा है कि अमिताभ बच्चन अमर सिंह के बचकाने बयान से बहुत अधिक हर्ट हुए थे। उन्होंने अमर सिंह के बारे में कभी कुछ नहीं कहा। परंतु उन्हें कभी माफ़ नहीं किया। संभवतः इसीलिए पहली अगस्त को पोस्ट किया कि जीभ पर लगी चोट तो जल्दी से ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती। वह हमेशा बनी रहती है। यानी अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन परिवार के बारे में सार्वजनिक तौर पर बयान देकर अपनी जीभ से जो चोट पहुंचाई थी, उस चोट का ज़ख्म कभी भरा ही नहीं। संभवतः बिग बी ने शिष्टाचार वश अमर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त कर दिया, लेकिन ज़्यादा कुछ नहीं लिखा। इससे यही प्रतीत होता है कि अमर सिंह के माफ़ी मांगने के बाद भी अमिताभ उन्हें माफ़ नहीं कर पाए।

लेखक- हरिगोविंद विश्वकर्मा

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