इकबालिया बयान
इक़बालिया बयान
हां, माई लार्ड
कबूल करता हूं मैं
भरी अदालत में
मैंने की है हत्या
एक निहत्थे वृद्ध की
ऐसे इंसान की
जो था घनघोर विरोधी
हर तरह की हिंसा का
जो...
रघुकुल की मर्यादा
रघुकुल की मर्यादा
चिंतित मुद्रा में बैठे थे
अयोध्या के राजा राम
उनके पास थीं
अयोध्या की पटरानी सीता
सहसा सीता से
मुखातिब हुए राम
धीरे से बोले-
सीते!
एक धोबी ने मारा...
कविता – अवांछित संतान!
अवांछित संतान!
अपने माता-पिता की
मैं दूसरी संतान हूं
लेकिन लड़की हूं
लड़की उत्तराधिकारी नहीं होती
उससे वंश नहीं चलता
इसलिए,
मैं अवांछित संतान हूं!
मेरे माता-पिता की
पहली संतान भी
लड़की है
और अब
दूसरी...
ओम जय जगदीश हरे!
ओम जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे॥
ओम जय जगदीश हरे॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन...
गणेश आरती
जय गणेश, जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥
एकदंत, दयावंत,
चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे,
मूस की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥
पान चढ़े,...
रामायण आरती
रामायण आरती
आरति श्रीरामायनजी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद।
बालमीक बिग्यान-बिसारद॥
सुक सनकादि सेष अरु सारद।
बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥1॥
आरति श्रीरामायनजी की।
कीरति कलित ललित...
रामचरितमानस – उत्तरकांड (Ram Charitmanas Uttar Kand)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
सप्तम सोपान
उत्तरकांड
श्लोक
केकीकण्ठाभनीलं सुरवरविलसद्विप्रपादाब्जचिह्नं
शोभाढ्यं पीतवस्त्रं सरसिजनयनं सर्वदा सुप्रसन्नम्।
पाणौ नाराचचापं कपिनिकरयुतं बन्धुना सेव्यमानं
नौमीड्यं जानकीशं रघुवरमनिशं पुष्पकारूढरामम्॥1॥
कोसलेन्द्रपदकञ्जमञ्जुलौ कोमलावजमहेशवन्दितौ।
जानकीकरसरोजलालितौ चिन्तकस्य मनभृङ्गसड्गिनौ॥2॥
कुन्दइन्दुदरगौरसुन्दरं अम्बिकापतिमभीष्टसिद्धिदम्।
कारुणीककलकञ्जलोचनं नौमि शंकरमनंगमोचनम्॥3॥
दोहा-...
रामचरितमानस – लंकाकांड (Ram Charitmanas Lanka Kand)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
षष्ठ सोपान
लंकाकांड
श्लोक
रामं कामारिसेव्यं भवभयहरणं कालमत्तेभसिंहं
योगीन्द्रं ज्ञानगम्यं गुणनिधिमजितं निर्गुणं निर्विकारम्।
मायातीतं सुरेशं खलवधनिरतं ब्रह्मवृन्दैकदेवं
वन्दे कन्दावदातं सरसिजनयनं देवमुर्वीशरूपम्॥1॥
शंखेन्द्वाभमतीवसुन्दरतनुं शार्दूलचर्माम्बरं
कालव्यालकरालभूषणधरं गंगाशशांकप्रियम्।
काशीशं कलिकल्मषौघशमनं कल्याणकल्पद्रुमं
नौमीड्यं गिरिजापतिं...
रामचरितमानस – सुंदरकांड (Ram Charitmanas Sundar Kand)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
पंचम सोपान
सुंदरकांड
श्लोक
शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥1॥
नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं...
रामचरितमानस – किष्किन्धाकांड (Ram Charitmanas Kishkindha Kand)
श्री गणेशाय नमः
श्री रामचरित मानस
चतुर्थ सोपान
किष्किन्धाकांड
श्लोक
कुन्देन्दीवरसुन्दरावतिबलौ विज्ञानधामावुभौ
शोभाढ्यौ वरधन्विनौ श्रुतिनुतौ गोविप्रवृन्दप्रियौ।
मायामानुषरूपिणौ रघुवरौ सद्धर्मवर्मौं हितौ
सीतान्वेषणतत्परौ पथिगतौ भक्तिप्रदौ तौ हि नः॥1॥
ब्रह्माम्भोधिसमुद्भवं कलिमलप्रध्वंसनं चाव्ययं
श्रीमच्छम्भुमुखेन्दुसुन्दरवरे संशोभितं सर्वदा।
संसारामयभेषजं सुखकरं श्रीजानकीजीवनं
धन्यास्ते...