गणेश आरती

0
684

जय गणेश, जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

एकदंत, दयावंत,
चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे,
मूस की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

पान चढ़े, फूल चढ़े
और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा॥

जय गणेश, जय गणेश,
जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया।

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

जय गणेश, जय गणेश
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥

संपूर्ण रामायण पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

रामायण आरती का पाठ करने के लिए यहां क्लिक करें

हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए यहां क्लिक करें