पांचों राफेल फाइटर का भारत में स्वागत किया गया…
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आंखें। हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आंखें, शबनम कभी, शोला कभी, तूफ़ान है आंखें… साहिर लुधियानवी की रची और मोहम्मद रफ़ी का गाया यह गाना आज … बजे जैसे ही चीन, पाकिस्तान समेत दूसरे दुश्मनों के छक्के छुडाने वाले ‘ब्रह्मास्त्र’ रूपी पांचों राफेल लड़ाकू विमानों ने भारत की सरज़मीं को चूमा, हर भारतीय की ज़बान पर बेसस आ गया।
फ्रांस के मैरिगनेक एयरबेस से सात हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आज पांचों राफेल विमान दोपहर बाद 3 बजकर 14 मिनट पर अंबाला के वायुसेना एयरबेस पर उतर गए। इसके थोड़ी देर बाद पांचों विमानों को वाटर सैल्यूट दी गई।
इससे पहले जैसे ही पांचों विमानों ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया उन्हें स्कॉट करने के लिए दो सुखोई विमान पहुंचे। इन दोनों मिमानों की निगरानी में पांचों विमान अंबाला एयरबेस पर उतरे। हमारी सरहदों के ये रखवाले अब चीन से लगी सीमा की निगरानी करेंगे। एटमी हथियार ले जाने की ताकत रखने वाला राफेल दुनिया में अकेला ऐसा फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो 55 हजार फीट की ऊंचाई से भी दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखता है। सबसे अहम बात यह है कि ये काबिलियत हमारे पड़ोसियों पाकिस्तान और चीन दोनों की ही सेना के पास नहीं है।
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भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन विंग कमांडर हरकीरत सिंह, जो 12 साल पहले हवा में धमाके से इंजन बंद होने के बाद रात में मिग को लैंड कराया था, की अगुवाई में पाचों विमानों ने भारत की पवित्र भूमि को चूमा। इससे पहले आज सुबह अबुधाबी (यूएई) के अल धफरा एयरबेस से उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना (India Airforce) 27 जुलाई को ये पांच राफेल फाइटर जेट (Rafale fighter jet) मिले थे और भारतीय पायलटों ने फ्रांस के मैरिगनेक एयरबेस से उड़ान भरी थी। इन पांच विमानों में 3 सिंगल सीटर और दो डबल सीटर हैं। सेना ने अपने एक बयान में बताया कि पांचों फाइटर प्लेन्स को अंबाला में 17 ‘गोल्डन ऐरोस’ स्क्वॉड्रन में शामिल कर लिया गया।
सैन्य विशेषज्ञ इस राफेल जंगी प्लेन को हवा का ‘ब्रह्मास्त्र’ कह रहे हैं। इन पांच फाइटर प्लेन की बदौलत भारत अपने दोनों परंपरागत पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान की नाक में दम कर देगा, क्योंकि इन दोनों दुश्मनों के एयरफोर्स के लिए राफेल जैसे लड़ाकू विमान के वार से बचना आसान नहीं होगा। सबसे अहम सभी पांच राफेल विमान पूर्ण रूप से कॉम्बेट रेडी पोजिशन में मिले।
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दुनिया के सबसे अत्याधुनिक विमान
राफेल फाइटर जेट दुनिया के सबसे अत्याधुनिक विमानों में से एक है। यह फाइटर जेट 150 KM रेंज वाले अत्याधुनिक मीटियोर एयर टू एयर मिसाइल से लैस है। राफेल की अधितकम स्पीड 2222 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह चीन के सुपरसोनिक विमान J-20 सिंगल-सीट मल्टी रोल फाइटर से भी बेहतर है। इस लड़ाकू विमान में मेटियोर की बियांड विजुअल रेंज मिसाइल भी लगी है, जो मिसाइल अटैक को नाकाम कर देगी। सबसे बड़ी बात यह फाइटर प्लेन दिन हो या रात, सर्दी हो या बारिश, हर मौसम में हर वक्त हमला करने की क्षमता रखता है।
युद्ध हुआ को राफेल होगा निर्णायक
ज़ाहिर है, अगर भारत का चीन से युद्ध हुआ को राफेल का मुक़ाबला चीन के J-20 से होगा। J-20 हवा से हवा, हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है। सुपरसोनिक स्पीड से चलने वाले चीनी लड़ाकू विमान की रेंज 1,200 किलोमीटर है। उसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। J-20 की अधिकतम स्पीड 2,100 किलोमीटर प्रतिघंटा है। जो राफेल की गति कम है। राफेल के पायलट को 360 डिग्री कवरेज मिलेगी। ऐसा दावा चीन भी करता है।
अब पाकिस्तान की औकात खत्म
अब भारत का पाकिस्तान से कोई मुक़ाबला ही नहीं, क्योंकि राफेल की तुलना अमेरिका के फिफ्थ जनरेशन विमानों F-35 के साथ की जा रही है। इसके सामने पाकिस्तान को अमेरिका से कुछ साल पहले मिले F-16 विमान फीके पड़ गए हैं। फ्रांस के घातक लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप आज फ्रांस से भारत के लिए रवाना हो गई। ख़बर यह भी है कि चीन से तनातनी को देखते हुए राफेल को अंबाला और हासिमरा के अलावा लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जा सकता है। वैसे अंबाला और हासिमरा में अभी एक-एक राफेल विमानों की तैनाती की जाएगी।
सर्दी, कुहरा, बारिश में भी हमलावर
फ्रांस से पहले चार राफेल विमान ही आने वाले थे, मगर इंडियन एयरफोर्स के आग्रह फ्रांस ने पांच राफेल दे दिया। भारत लद्दाख में दिन या रात, सर्दी और बारिश में हमला करने की क्षमता डेवलप कर रहा है। इस मिशन में राफेल देश का मुख्य हथियार होगा। राफेल को भारतीय वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से परिष्कृत किया गया है। इसमें कोल्ड इंजन स्टार्ट की क्षमता है, यानी सर्दी और शून्य तापमान का इंजन पर कोई असर नहीं होगा। बफीर्ले पहाड़ों के बीच मौजूद बेस से यह जेट आसानी से ठंड के सीजन में भी उड़ान भर सकता है। इसमें बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। इस खूबी के चलते चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर ठंडे मौसम में भी यह विमान तेजी से काम कर सकता है।
बियांड विजुअल रेंज मिसाइल से लैस
राफेल विमान हवा से हवा में मार करने वाली बियांड विजुअल रेंज मिसाइल लगी होने से इस मिसाइल को दुश्मन के प्लेन को बिना देखे सीधे फायर किया जा सकता है। इसमें एक्टिव राडार सीकर लगा है जिससे मिसाइल को किसी भी मौसम में फायर किया जा सकता है। वहीं, स्कैल्प मिसाइल या स्ट्रॉम शैडो 500 किलोमीटर के दायर में स्थित किसी भी गुप्त बंकर को आसानी से तबाह कर सकती है, क्योंकि सकी रेंज लगभग 560 किलोमीटर है।
परमाणु हथियार रखना संभव
जरूरत पड़ने पर राफेल विमानो में परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है, क्योंकि राफेल एक साथ जमीन पर से दुश्मन के हमलों को ध्वस्त करने और आसमान में आक्रमण करने में सक्षम है। मिसाइल अटैक का सामना करने के लिए विमान में खास तकनीक का प्रयोग किया गया है।
सुखोई-30 MKI से भी बेहतर
भारतीय वायुसेना के पास इस समय सुखोई-30 MKI जैसा लड़ाकू विमान हैं जो एयरफोर्स के ऑपरेशंस में जमकर इस्तेमाल होता है। राफेल उससे आला दर्जे का फाइटर जेट है। इसकी वर्किंग कैपेसिटी SU- 30MKI से करीब डेढ़ गुना अधिक है। राफेल की रेंज 80 से 1055 किलोमीटर है जबकि सुखोई की 400 से 550 किलोमीटर तक सीमित है। राफेल प्रति घंटे 5 सोर्टीज लगा सकता है जबकि सुखोई की क्षमता महज 3 सोर्टीज की है।
चीन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द
राफेल के भारतीय वायुसेना में शिमल हो जाने के बाद समझा जाता है कि पाकिस्तान और चीन अपनी औकात से बाहर नहीं निकलेंगे। क्योंकि अगर इन दोनों देशों ने ऐसी कोई हिमाकत की तो राफेल उसका करारा जवाब देंगे। पाकिस्तानी एयरफोर्स अभी अमेरिकन एफ-16 से भारत का मुकाबला करती है। राफेल के लिए उसे कम से कम दो एफ-16 लगाने पड़ जाएंगे। भारत के राफेल का मुकाबला चीन के J-20s से होगा। चीन का J-20 सिंगल-सीट मल्टी रोल फाइटर है जो हवा से हवा, हवा से जमीन में मार करता है। सुपरसोनिक स्पीड से चलने वाले इस लड़ाकू विमाना की रेंज 1,200 किलोमीटर है जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 2,100 किलोमीटर प्रतिघंटा है जो राफेल से कम है। चीन का दावा है कि इसके पायलट को 360 डिग्री कवरेज मिलती है।
अब लड़ाकू विमानों की पूरी फौज
राफेल के अलावा, भारतीय वायुसेना में पिछले कुछ सालों में अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर को भी शामिल किया गया है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, मिग 27, मिग-21 और जगुआर फाइटर प्लेन है जबकि हेलिकॉप्टर श्रेणी में एमआई-25/35, एमआई-26, एमआई-17, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर हैं वहीं ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76, एए-32 और बोइंग 737 जैसे प्लेन शामिल हैं।
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