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न्यूनतम कीमत से निकलेगी अधिकतम लाभ की राह

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सरोज कुमार कृषि प्रधान देश भारत में कृषि को किनारे रख कर अर्थव्यवस्था को आगे नहीं ले जाया जा सकता, यह बात लगभग हर किसी...

आम जनता पर महंगे ईंधन की आफत

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सरोज कुमार आफत फारसी का शब्द है, और फारसी पर हिंदी में एक पुराना मुहावरा है -पढ़े फारसी बेचे तेल। लेकिन फारसी को ऊंचा और...

अब अर्थव्यवस्था की भलाई करेगा बैड बैंक

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सरोज कुमार देश के बैंकों को बैड लोन के बोझ से हल्का करने के लिए सरकार ने अब एक बुरे बैंक यानी बैड बैंक की...

महंगाई की मार जनता लाचार

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सरोज कुमार महंगाई बाजार का एक ऐसा गुणधर्म है, जिसका असर कमाई के रुख पर निर्भर होता है। कमाई अनुकूल तो महंगाई महत्वहीन हो जाती...

छोटे उद्यम बीमार, कैसे मिलेगा रोजगार!

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सरोज कुमार यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 फ़ीसदी और निर्यात में 48 फ़ीसदी का योगदान करता है, लगभग...

बेरोजगारी ना बन जाए महामारी!

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सरोज कुमार महामारी के साथ जीने की आदत डाल लेने के बाद लगता है अब देश की आम जनता को बेरोजगारी के साथ भी जीने...

मॉनसून में महंगाई की बारिश

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सरोज कुमार आमदनी अठन्नी ख़र्चा रुपैया वाला मुहावरा अब गुज़रे जमाने की बात है। महंगाई और कमाई की मौजूदा परिस्थिति नया मुहावरा गढ़ने की ओर...

अर्थव्यवस्था की रीढ़ कितनी मजबूत!

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सरोज कुमार सूक्ष्म लघु एवं मझौले उद्यम (एमएसएमई) अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाते हैं। रीढ़ का मजबूत होना कितना आवश्यक है, इसे सामान्य बुद्धि भी...

तेल देखो तेल की मार देखो

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सरोज कुमार पुरानी कहावत है तेल देखो, तेल की धार देखो। लेकिन आज इसमें ‘धार’ की जगह मार लिखना अधिक प्रासंगिक है। तेल की धार...

देश में 90 फीसदी असंगठित श्रमिकों की दयनीयता के मायने

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सरोज कुमार त्रेतायां मंत्र-शक्तिश्च ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघे शक्ति कलौ युगे। ऋग्वेद के इस श्लोक की अंतिम पंक्ति कलियुग में संगठन शक्ति का बखान करती है।...