• 12 वर्षीय दिव्यांग जिया राय ने बनाया तैराकी में एक नया रिकार्ड
• 7 घंटे 40 मिनट में तय की अरब सागर में 22 किलोमीटर की दूरी
कहा जाता है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती… इन पंक्तियों को आटिज्म से पीड़ित 12 वर्षीय दिव्यांग जिया राय ने तब चरितार्थ कर दिया, जब उन्होंने मुंबई में बुधवार को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गेटवे आफ इंडिया के बीच की 36 किमी की दूरी तैरकर 8 घंटे 40 मिनट में पार कर ली। महज 12 साल की उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना ऐतिहासिक है। जिया तैराकी की किंवदंती बन चुकी है। उन्हें भारत का जलपरी कहा जाने लगा है। वह पानी में उतरते ही जिस गति से तैरना शुरू करती हैं वह हैरतअंगेज है। देखने वाले उसकी तैराकी देखकर दंग रह जाते हैं। यहां तक कि उसके साथ पानी में बोट में सवार होकर चलने वाले भी उसी तैरने की क्षमता देखकर दांतों चले उंगली दबा लेते हैं।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि जिया नौसेना के सेलर मदन राय की बेटी हैं और आटिज्म से पीड़ित हैं। यह बीमारी मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला विकार है, जिससे व्यक्ति का सामाजिक व्यवहार और संपर्क प्रभावित होता है। जिया राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘फिट इंडिया अभियान’ के तहत आयोजित प्रतियोगिता में यह कीर्तिमान स्थापित किया। सागर की ऊंची-ऊंची लहरों के बीच उसने सुबह 6 बजकर, 50 मिनट पर तैराकी शुरू की और सात घंटे चार मिनट में 22 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दोपहर 1.54 बजे अपनी मंजिल तक पहुंच गई।
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आजमगढ़ जिले की सगडी तहसील के कटाई अलीमुद्दीनपुर घांव की रहने वाली जिया राय की इन उपलब्धियों को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। जिया राय की इस उपलब्धि के लिए राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने जिया के साथ-साथ अन्य प्रतिभागियों को सम्मानित किया। भारतीय नौसेना ने बयान में कहा कि इस तैराकी कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र तैराकी संघ के निरीक्षण में किया गया था, जो भारतीय तैराकी महासंघ से मान्यता प्राप्त संस्था है।
इस प्रतियोगिता में जिया राय के साथ तैराक प्रभात कोली, कार्तिक गूगल, राकेश कदम, शार्दुल ने भी हिस्सा लिया। इसके पहले फरवरी 2020 में एलिफेंटा द्वीप से गेटवे ऑफ इंडिया के बीच 14 किलोमीटर की दूरी तय कर एक रिकॉर्ड बनाया था। जिया राय एलिफेंटा द्वीप से गेटवे ऑफ इंडिया 3 घंटे, 27 मिनट में पहुंची थी। बयान के अनुसार, ‘वह आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (एएसडी) से पीड़ित हैं और तैराकी में अपनी इस उपलब्धि को उसने आटिज्म के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित किया है। उसने अपनी रेकॉर्ड उपलब्धि की शुरुआत 17 फरवरी को तड़के तीन बजकर 50 मिनट पर बांद्र-वर्ली सी लिंक से की और गेटवे आफ इंडिया तक की दूसरी 12 बजकर 30 मिनट तक पूरी की।’
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