विपक्षविहीन बीएमसी में शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी को आम जनता की चिंता नहीं – आतिशी
आप विधायक का मुंबई में सरकारी स्कूलों, अस्पतालों का कायाकल्प करने का भरोसा
मुंबई। दिल्ली में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प करके पूरे देश में वहवाही लूटने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव अपने दम पर लड़ने की घोषणा की है और जनता को भरोसा दिया कि अगर मुंबइकर्स ने उन्हें शासन का मौक़ा दिया तो दिल्ली की तरह मुंबई में भी सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प करे देंगे।
दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार की शिक्षा नीति की शिल्पी रही आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने मुंबई प्रेस क्लब के मीट द प्रेस कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत तके दौरान कहा कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी पूरे जोर शोर से मैदान में उतरेगी, क्योंकि आम मुंबईकर अब बदलाव चाहते हैं।आतिशी ने कहा कि मुंबई के लोग स्वच्छ प्रशासन वाली सरकार चाहते हैं, जबकि शिवसेना और भाजपा ने पिछले लगभग 30 साल से यहां की जनता पर राज किया और पूरे शहर की प्रशासन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है।
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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय नेता और दिल्ली की विधायक अतिशी ने पत्रकारों के सवाल जवाब में कहा, “सही मायनों में मुंबई मनपा में कोई विपक्ष है ही नहीं, क्योंकि मौजूदा समय में शिवसेना के साथ कांग्रेस, एनसीपी और कुछ दूसरे दल एकजुट होकर सत्ता का लाभसुख भोग रहे हैं। सभी दल सत्तापक्ष में ही हैं। कांग्रेस भले ही मनपा में विपक्षी दल होने का दावा कर रही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना और एनसीपी के साथ कांग्रेस भी सहयोगी घटक है। इसलिए कांग्रेस का मनपा सदन में विपक्ष में होने का दावा सिर्फ़ और सिर्फ़ छलावा मात्र है। यह मुंबई की आम जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है। सत्तासुख भोगने वाले इन सभी दलों का आम जनता की तकलीफों की ओर कोई ध्यान नहीं है। इसीलिए अब मुंबईकर इन दलों से तंग आ चुके हैं और एक बेहतर विकल्प चाहते हैं। आम जनता की इन्हीं उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी मुंबई महानगर पालिका चुनाव में इस बार पूरी तरह से तैयार होकर चुनाव लड़ेगी।”
दिल्ली में सरकारी स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने वाली टीम का हिस्सा रहीं आतिशी ने कहा कि मुंबई मनपा द्वारा संचालित स्कूलों की हालत बहुत ख़राब है। बहुत सारे स्कूल बंद हो चुके हैं। 2008 से 2017 के बीच क़रीब 63000 छात्र थे। इस समय छात्रों की संख्या घटकर केवल 30000 रह गई। इससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मनपा स्कूलों से अभिभावकों और बच्चों का कितना मोहभंग हुआ है।
आतिशी ने आगे कहा कि मनपा स्कूलों की दयनीय हालत के कारण अभिभावकों को अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना पड़ता है। वे यह काम कोई ख़ुशी से नहीं करते, बल्कि अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए मजबूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ता है। ज़्यादातर प्राइवेट स्कूल सत्तारूढ़ दलों के नेताओं द्वारा संचालित होते हैं और वे नहीं चाहते कि मनपा या सरकारी स्कूल सफल हो और उनके धंधे पर कोई असर हो। मुंबई में स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठाते हुए आप विधायक ने कहा कि स्कूलों की तरह मुंबई में सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत दयनीय है। अस्पतालों में साफ़-सफ़ाई को लेकर कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। इन सब चीज़ों को देखते हुए मुंबई में बेहतर प्रशासन वाली एक ईमानदार सरकार की ज़रूरत है।
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दिल्ली सरकार के प्रमुख कार्यों का ज़िक्र करते हुए आतिशी ने कहा, “हमने दिल्ली में इन सारे विषयों पर गंभीरता से काम किया है और उसके बहुत ही सार्थक नतीजे जनता और पूरे देश के सामने हैं। 5 साल में हमने दिल्ली की तस्वीर बदल दी है। लगभग हर क्षेत्र में हमने बेहतर काम करके यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो किसी भी खराब व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सकता है। हमारा दिल्ली का आर्थिक मॉडल भी बहुत सफल रहा है। हमने 5 साल में उसका बजट 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 65000 करोड़ तक पहुंचा दिया। इसलिए हमारा दिल्ली का जो गवर्नेंस का मॉडल है, वह देश के लिए एक मिसाल बनकर सामने आया है।”
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली आतिशी ने मुंबई की जनता को भरोसा देते हुए कहा, “मुंबई में भी हम इसी योजना के साथ काम करेंगे और लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। मुंबई को ज़रूरत है शिक्षा स्वास्थ्य अच्छे पानी अच्छे वातावरण और बेहतर प्रशासन की, उसे हम लाएंगे। इन्हीं मुद्दों को लेकर हम चुनाव मैदान में उतरेंगे और हमें उम्मीद है कि मुंबईकर हमारी इस बात पर भरोसा करते हुए ज़रूर मौक़ा देंगे।”
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