भारत की बिजली सप्लाई का कंट्रोल चीन के हाथ, जब चाहे देश में कर सकता है अंधेरा

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शायद आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच ही कि संपूर्ण भारत में बिजली सप्लाई का कंट्रोल चीन के हाथ में चला गया है और मानवता का दुश्मन बना चीन जब चाहे भारत कि बिजली गुल कर सकता है। अपने इस अचूक हथियार का प्रयोग चीन ने पिछले साल 12 अक्‍टूबर को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में किया था और सुबह-सुबह पूरे मुंबई में अचानक से बिजली गुल कर दी थी।

अचानक बिजली चले जाने से हड़कंप मच गया था, क्योंकि बिजली जाने से कोरोना की मार झेल रहे शहर के अस्‍पतालों में वेंटिलेटर्स ने काम करने बंद कर दिए थे। इस बारे में आज न्यूयॉर्क टाइम्स में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में बताया गया था कि मुंबई में भीषण बिजली संकट के पीछे चीन में बैठे हैकरों का हाथ था। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट में कहा गया है कि लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच चीन ने पिछले साल भारत के बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया था। चीनी हैकरों की कोशिश थी कि पूरे भारत को अंधेरे में डुबो दिया जाए।

महाराष्‍ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि इस मामले की जांच में ऐसे साक्ष्‍य मिले हैं जिनसे पता चलता है कि साइबर हमले की कोशिश थी। महाराष्‍ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा, “जब पिछले साल मुंबई में बिजली चली गई थी, तब मैंने कहा था कि कुछ गड़बड़ है। मैंने जांच के लिए तीन समितियों का गठन किया था। इस सबंध में जो न्यूयॉर्क टाइम्स में रिपोर्ट आई है, वह सच हैं।”

अनिल देशमुख ने बताया है कि इस मामले को लेकर साइबर विभाग की रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे साक्ष्‍य हैं जिनसे पता चलता है कि भविष्य में फिर साइबर हमले की कोशिश हो सकती है। इस रिपोर्ट को ऊर्जा मंत्री नितिन राउत को सौंप दिया गया है। अमेरिका की एक कंपनी ने अपने हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के दौरान चीन सरकार से जुड़े हैकरों के समूह ने ‘‘मालवेयर’’ के जरिए भारत के पावरग्रिड सिस्टम को निशाना बनाया था।

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इस बात की पूरी आशंका है कि पिछले साल मुंबई में बड़े स्तर पर बिजली आपूर्ति ठप होने के पीछे यही मुख्य कारण था। महाराष्ट्र सरकार ने अब इस रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है और मुंबई पुलिस से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में मैसाचुसेट्स की कंपनी ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने अपनी हाल की रिपोर्ट में चीन के समूह ‘रेड इको’ द्वारा भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया है।

पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में एक ग्रिड ठप होने से बिजली गुल हो गयी थी। इससे ट्रेनें भी रास्तें में ही रूक गई थीं और महामारी के कारण घर से काम रहे लोगों का कार्य भी प्रभावित हुआ था और आर्थिक गतिविधियों पर भारी असर पड़ा था। न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर में कहा कि इस खुलासे से सवाल उठा है कि मुंबई में बिजली गुल के पीछे कहीं बीजिंग यह संदेश तो नहीं देना चाहता था कि अगर भारत ने सीमा पर आक्रामक व्यवहार जारी रखा तो क्या हो सकता है।

आवश्यक सेवाओं के लिए बिजली आपूर्ति बहाल करने में बिजली विभाग को दो घंटे लग गए थे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उस घटना की जांच का आदेश दिया था। ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने ऑनलाइन सेंधमारी संबंधित रिपोर्ट के प्रकाशन के पूर्व भारत सरकार के संबंधित विभागों को इस बारे में अवगत कराया था। बहरहाल न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट जो एक अमेरिकी कंपनी के अध्ययन पर आधारित थी, पर भारत सरकार की ओर से भी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।

‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ की रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि कथित रूप से भारत प्रायोजित समूह ‘साइडविंडर’ ने 2020 में चीनी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। कंपनी की यह रिपोर्ट ऐसे समय आयी थी जब कथित तौर पर चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से अपने सैनिकों को पीछे हटा रही है। चीन ने पिछले साल 13 अक्टूबर को लद्दाख सीमा पर तनाव के बाद चेतावनी देने के प्रयास के तहत भारत के बिजली संयंत्रों पर साइबर अटैक करने की कोशिश की थी। इसी कड़ी में उसने मुंबई के पावर ग्रिड को निशाना बनाया था।

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