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ऐ गम-ए-ज़िंदगी कुछ तो दे मशवरा… एक तरफ उसका घर, एक तरफ…

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लंबे समय से बीमार चल रहे थे पंकज उधास चिट्ठी आई है, चिट्ठी आई है... गाकर हर देशभक्त को वतन की याद दिलाने वाले गजल...

पिता-पुत्र के अंतर्द्वंद्व को चित्रित करता नाटक ‘संक्रमण’

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मधुबाला शुक्ला जिस तरह से दौर में बदलाव होना अनिवार्य है ठीक उसी तरह से हर दौर के संबंधों में भी परिवर्तन होना स्वाभाविक है...

भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं साड़ियां

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21 दिसंबर को विश्व साड़ी दिवस (World Saree Day) पर विशेष भारतीय संस्कृति और हिंदू परंपरा में साड़ी महिलाओं का प्रमुख परिधान है। वेस्टर्न कपड़े...

देश से विदेशों तक छाया “क्वीन ऑफ कुमाऊँ” का जादू

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के आला दर्जे के कार्यक्रमों में छाई रहने वालीं, कवयित्री, गायिका, संगीतज्ञ और लेखिका डॉ. मेघा भारती मेघल (Dr...

निर्मला पुतुल की कविताओं में संवेदना

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डॉ मधुबाला शुक्ला  इक्कीसवीं सदी विमर्श की सदी रही है। जिसमें प्रमुख रूप से दलित विमर्श, स्त्री विमर्श आदिवासी विमर्श है। वर्तमान युग के हिंदी...

दादी जानकी – दिव्यत्वाची जेथे प्रचिती तेथे कर माझे जुळती

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मुंगी उडाली आकाशी तिने गिळीले सूर्यासी. संत ज्ञानोबांच्या भगिनी मुक्ताई यांच्या बद्दल हे उद्गार काढले जातात. आमच्या "दादी जानकी "यादेखील अशाच एक मुक्ताई. खऱ्या...

Shikha Pande’s Painting wins AIFACS Award

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By Saroj Kumar Shikha Pande, a Lucknow based budding artist, adds a new feather in her hat last Friday as she wone prestigious AIFACS award...

महाशिवरात्री महात्म्य

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।।सत्य गीता ज्ञान सांगण्या शिव अवतरले भुवरी। अति आनंदे करुया आपण महाशिवरात्री साजरी।। कालचक्र हे अविरतपणे फिरतच असते आपणाजवळ शिल्लक राहतात त्या केवळ गतकाळातील स्मृती. त्या...

धीरेंद्र मजूमदार की मां – इंसानी संवेदना से रूबरू करता एक नाटक

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नाटक में उठता सवाल, वैश्विक युग में व्यक्ति की पहचान सीमित करने के प्रयास क्यों? हरनाम सिंह और संदीप कुमार इंसानी संवेदना असीम होती है। वह...

जानें बहर क्या है और ग़ज़ल लेखन के लिए क्यों है ज़रूरी?

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ग़ज़ल लेखन के लिए बहर का ज्ञान ज़रूरी क्‍यों? अगर आप शायर बनने की ख़्वाहिश रखते हैं तो आपके लिए बहर को जानना ज़रूरी है।...