धीरेंद्र मजूमदार की मां – इंसानी संवेदना से रूबरू करता एक नाटक
नाटक में उठता सवाल, वैश्विक युग में व्यक्ति की पहचान सीमित करने के प्रयास क्यों?
हरनाम सिंह और संदीप कुमार
इंसानी संवेदना असीम होती है। वह...
जानें बहर क्या है और ग़ज़ल लेखन के लिए क्यों है ज़रूरी?
ग़ज़ल लेखन के लिए बहर का ज्ञान ज़रूरी क्यों?
अगर आप शायर बनने की ख़्वाहिश रखते हैं तो आपके लिए बहर को जानना ज़रूरी है।...
संगीत साधना है, रियाज का कोई विकल्प नहीं – पंडित श्यामरंग शुक्ल
भारतीय शास्त्रीय संगीत वेदों से निकली विधा मानी जाती है। सामवेद में तो संगीत की विस्तृत से चर्चा है। संगीत का आरंभ जीवन के...
फ़रीज़ा है सो हम निभाया करेंगे, चरागों को मज्लिस में लाया करेंगे… नवीन ‘नवा’
हो रहा है युवा रचनाकारों को निखारने का कार्य
इंशाद फाउंडेशन एक के बा'द एक बेहतरीन कार्यक्रम आयोजित कर के साहित्य के क्षेत्र में भारत...
पुरुष प्रधान समाज के पैरोकार थे शिक्षक दिवस के प्रणेता डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
शिक्षक दिवस पर विशेष
शिक्षक यानी अध्यापक शब्द का उच्चारण करते ही एक ऐसे सौम्य विद्वान व्यक्ति की छवि जेहन में उभरती है, जो अपने...
भारत में निर्वस्त्र रहने का बढ़ता प्रचलन, बड़ी तेजी से हो रहा है न्यूडिस्ट...
आप सुबह उठते ही अपने वाट्सअप या वाट्सअप ग्रुप में अनगिनत दोस्तों से सुप्रभात, शुभ प्रभात या गुडमॉर्निंग का मैसेज देखते होंगे। अगर आपको...
पुस्तक समीक्षा – एक गोंड गांव में जीवन: वेरियर एल्विन
अजय चन्द्रवंशी
भारतीय जनजातियों पर शोध करने वाले मानवशास्त्रियों में वेरियर एल्विन(1902-64) का विशिष्ट स्थान है।वे काफी लोकप्रिय हुए और कई मामलों में विवादास्पद भी...
अमरनाथ यात्रा – खतरों-बाधाओं के बावजूद बड़ी रोमांचक होती है बर्फीली पहाड़ों की यात्रा
हरिगोविंद विश्वकर्मा
आज यानी 29 जून से रोमांचक अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। क़ुदरती कहर के बावजूद हिमालय की गोद में स्थित पवित्र शिवलिंग...
मुझे अपनी आवाज दे गए ‘बड़े चाचा’
सुनील मेहरोत्रा
किरदार सिर्फ फिल्मों में ही नहीं होते, हर इंसान की जिंदगी का, कहानी का हिस्सा होते हैं। पर काम की व्यस्तता और जिंदगी...
चिट्ठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश, जहां तुम चले गए!
सुनील मेहरोत्रा
जगजीत सिंह जी द्वारा गाया एक गीत मैं जब-तब गुनगुनाता रहता हूं—
चिट्ठी ना कोई संदेश …
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए
करीब...