कहानी – अनकहा
हरिगोविंद विश्वकर्मा
अचानक नींद टूटे गई। कोई आधा घंटा पहले। कोई सपना देख रही थी मैं। बालकनी में कौवे ने आकर कांव-कांव शुरू कर दिया।...
कहानी – बेवफा
हरिगोविंद विश्वकर्मा
उस रोचक लव स्टोरी का शायद आज क्लाइमेक्स था। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उस बहुचर्चित प्रेम कहानी के मुक़दमे की सुनवाई चल रही थी।...
कहानी – हां वेरा तुम!
हरिगोविंद विश्वकर्मा
प्लेटफ़ॉर्म पर काफ़ी चहल-पहल थी। मैं तुम्हें तलाशता हुआ भागा जा रहा था। हर चेहरे को बग़ौर देखता हुआ। एक काया तुम्हारी जैसी...
कहानी – बदचलन
हरिगोविंद विश्वकर्मा
उसे लेकर मैं बुरी तरह उलझा था। ऐसा क्यों हुआ... उसने ऐसा क्यों किया... पूरे मामले को नए सिरे से समझने की कोशिश...