जुहू चौपाटी के बिड़ला गार्डन में हुआ मुशायरा एवं कवि सम्मेलन
मुंबई। जुहू हमारा से संस्थापक सदस्य एवं संयोजक और शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी के पिता पुरुषोत्तम चतुर्वेदी ने लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने पर जोर देते हुए कहा है कि बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाना और उन्हें अपने पांव पर खड़े होने में मदद देना हर माता-पिता का नैतिक दायित्व एवं कर्तव्य है।
मुंबई, छह दिवसीय ‘जुहू हमारा 2023’ फेस्टिवल में सोमवार की शाम जुहू चौपाटी के बिरला गार्डन में कलाकारों एवं स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए श्री चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी भी चार बेटियां हैं। उन्होंने चारों को उच्च शिक्षा दिलवाई और आज उनकी बेटियां ही उनका नाम रौशन कर रही हैं।
जुहू में चल रहे हमारा – 2023 फेस्टिवल में बिरला गार्डन में शायर नवीन चतुर्वेदी के नेतृत्व में मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के प्रमुख कवियों एवं शायरों ने हिस्सा लिया। नवीन चतुर्वेदी ने हिंदी, उर्दू और ब्रजभाषा के अलावा श्रोताओं की फ़रमाइश पर गुजराती गजलें भी सुनाईं। शायर-गीतकार देवमणि पांडेय हमेशा की तरह अपने रंग में थे। उन्होंने रूमानी ग़ज़लों के साथ साथ हास्य रचनाओं से लोगों को खूब हंसाया।
शायरा-गायिका पूनम विश्वकर्मा ने दिलकश तरन्नुम में ग़ज़ल और अवधि लोकगीत सुनाकर श्रोताओं को सम्मोहित किया। गीतकार-गायक विनोद दुबे ने डफली साथ कई गीत पेश किए। विनय नवीन और दिलीप दोशी की रचनाओं का भी श्रोताओं ने जमकर लुत्फ़ उठाया। डॉ दमयंती शर्मा ने कुछ माहिए सुना कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
1972 में मथुरा से मुबंई आने और कस्टम विभाग से बतौर डिप्टी कमिश्नर रिटायर होने वाले नंदकिशोर चतुर्वेदी ने बताया कि जुहू हमारा फेस्टिवल को 20 साल पहले शुरू किया गया था। दरअसल, 1990 के दशक में दक्षिण मुंबई में ‘कल के कलाकार’ हुआ करता था। जिसमें उभरते कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाता था।
उन्होंने बताया कि नई सदी में उसी तर्ज पर उपनगर के उभरते कलाकारों को अवसर देने के लिए जुहू हमारा फेस्टिवल 2003 में शुरू किया गया। वस्तुतः जुहू और आसपास तरह-तरह के लोग रहते हैं। अलग-अलग परिवेश के लोग रहते हैं। उन सबको एक मंच पर लाने और संस्कृति गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जुहू हमारा अभियान शुरू किया गया था।
जुहू हमारा के अध्यक्ष हंसल डिसूज़ा बताते हैं कि जुहू हमारा फेस्टिवल को 20 साल पहले शुरू किया गया था। उस समय फिल्म स्टार को देखने उनके साथ बातचीत करने के लिए लोग बड़े उत्सुक रहते थे। तो हमारे फेस्टिवल में बड़े-बड़े सितारे आया करते थे। हमारे फेस्टिवल में शाहरुख खान, आमिर खान, ऋतिक रोशन, माधुरी दीक्षित, शाबाना आज़मी समेत कई बड़े कलाकार जुहू हमारा फेस्टिवल में आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि हेमा मालिनी ने तो यहाँ अपनी बेटियों के साथ डांस भी किया था। फिल्म स्टार्स के आने पर यहां भारी भीड़ जुट जाती थी, जो हम लोगों से नियंत्रित नहीं होती थी। इसलिए हम लोगों ने इस फेस्टिवल में सितारों को बुलाना बंद कर दिया। लोग फिल्म स्टार को देखने आते थे। गीत-संगीत या शायरी सुनने नहीं। इसमें हम लोग आम कलाकारों को मौका देते हैं। धीरे-धीरे यह जनता का फेस्टिवल बन गया।
हमारा फेस्टिवल के संयोजक पुरुषोत्तम चतुर्वेदी ने कवियों और शायरों का सम्मान किया। श्रोताओं में पत्रकार परविंदर कौर, पत्रकार चंद्रकांत जोशी, शायर ताज मोहम्मद सिद्दीक़ी और कवयित्री डॉ रोशनी किरण आदि समेत बड़ी संख्या में गजलप्रेमी मौजूद थे।