द मोस्ट वॉन्टेड डॉन – एपिसोड – 19 – करीम लाला ने समद खान से नाता तोड़ा, समद ने गुस्सा नूरा पर उतारा

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हरिगोविंद विश्वकर्मा
“यह सूचित किया जाता है कि आज के बाद मेरा समद ख़ान से किसी तरह का कोई वास्ता नहीं है, समद ख़ान के साथ किसी भी तरह का लेनदेन जो भी करे, अपने ज़ोखिम पर करे। इस बारे में मेरी कोई ज़िम्मेदारी नहीं। मैं समद ख़ान के किसी काम के लिए जवाबदेह नहीं रहूंगा।” अब्दुल करीम ख़ान।

यह विज्ञापन सबसे प्रतिष्ठित उर्दू अख़बार ‘इन्क़लाब’ में 1984 में छपा था। ज़ाहिर तौर पर इसे समद ख़ान के चाचा करीम लाला ने छपवाया था। किसी को यकीन नहीं हुआ कि यह विज्ञापन सही है। हालांकि बाद में पता चला कि विज्ञापन भी सही है और उसे करीम लाला ने छपवाया है।

दरअसल, समद ख़ान के अपराधों की फेहरिस्त से करीम लाला बहुत तंग आ गया था। जीवन के अंतिम दौर में वह शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता था, पर समद ख़ान के आपराधिक गतिविधियों के चलते मुंबई पुलिस उसके पीछे पड़ी रहती थी। समद जब भी कोई अपराध करता तो पुलिस सीधे करीम को ही उठाकर थाने ले जाती थी। बिना किसी अपराध के वह कई दिन वह लॉकअप में बंद रहता या मुंबई पुलिस का क्राइम ब्रांच उसे अपने दफ़्तर के डिटेंशन रूम में बंद कर देता था। पुलिस से बचने का कोई रास्ता न देखकर अंततः करीम लाला ने अपने दोस्त हाजी मस्तान मिर्जा से राय मांगी। हाजी मस्तान ने ही उसे सलाह दी कि अगर झंझट से बचना है तो वह भविष्य में समद से कोई रिश्ता न रखने का एक विज्ञापन अखबार में छपवा दे।

इधर साबिर अहमत के हत्यारे मान्या सुर्वे और अमिरज़ादा की मौत के बावजूद दाऊद के अंदर इंतक़ाम की आग ठंडी नहीं हुई थी। अब उसके टारगेट पर था करीम लाला का भतीजा समद ख़ान। दाऊद जानता था कि अगर समद को जिंदा छोड़ दिया तो वह ख़तरनाक हो सकता है। लिहाज़ा, उसकी हत्या की योजना बनाई गई। इस बीच किसी ने समद को बता दिया कि दाऊद उसे मारना चाहता है। वह सीधे दाऊद के पास पहुंचा। कुरान की शपथ लेकर कहा कि साबिर की हत्या में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। यह भी वचन दिया कि वह उसकी राह में नहीं आना चाहता। दाऊद ने उसकी बात मान ली। दोनों दोस्त तो नहीं हुए लेकिन एक दूसरे पर हमला करने या एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने से बाज़ आने पर सहमत हो गए।

बहरहाल, शहर के सबसे प्रतिष्ठित अख़बर ‘इन्क़लाब’ में छपे उस विज्ञापन को समद ख़ान ने भी पढ़ा और वह सकते में आ गया। उस विज्ञापन के मजमून पढ़कर से उसे भारी आघात लगा। वह अपने चाचा करीम लाला की बड़ी इज्ज़त करता था और उसके चाचा ने ही उसके साथ यह बर्ताव किया। उसने कल्पना भी नहीं की थी कि करीम लाला कभी उसे बेदखली का इश्तिहार छपवाएंगे। इसके बाद समद ने मान लिया कि इस दुनिया में कोई किसी का नहीं होता है। उसका रिश्तों पर से विश्वास ही उठ गया। वह उस दिन एक शराब खाने में जाकर बहुत अधिक शराब पीया और उसके बाद अपनी गर्लफ्रेंड के कमरे जाकर उसके पास ही सो गया।

दाऊद इब्राहिम की संपूर्ण कहानी पहले एपिसोड से पढ़ने के लिए इसे क्लिक करें…

दूसरे दिन समद ख़ान को किसी परिचित से ख़बर मिली कि जिस दिन विज्ञापन प्रकाशित हुआ, उस दिन से ही दाऊद का छोटा भाई नुरुल हक़ मोहम्मद उर्फ नूरा उसकी खिल्ली उड़ा रहा है। नूरा लोगों को बता रहा है कि करीम लाला ने समद को बेदखल कर दिया है। सचमुच नूरा इन्कलाब अख़बार की प्रतियां लेकर घूम रहा था और अख़बार में छपे विज्ञापन को दिखाकर लोगों को बता रहा था कि समद ख़ान को उसके चाचा करीम लाला ने बेदख़ल कर दिया। समद अब न घर का रहा न घाट का। बेचारा समद। अब उसका कुछ भी नहीं हो सकता।

समद ख़ान वाकई मोटी बुद्धि का हट्टा-कट्टा पठान था। उसे बात-बात पर गुस्सा आ जाता था और वह लड़ बैठता था। कई लोगों की हत्याएं उसने गुस्से में ही कर दी थी। जब उसने सुना कि दाऊद का छोटा भाई नूरा उसकी खिल्ली उड़ा रही है तो वह आग-बबूला हो गया। अपने ऊपर नियंत्रण बिलकुल नहीं रख पाया। वह सीधे वहां पहुंच गया, जहां नूरा दोस्तों के साथ गप मार रहा था। उसने नूरा पर हमला कर दिया। दोस्त तो भाग गए लेकिन नूरा उसकी पकड़ से मुक्त नहीं हो पाया। समद ने भीड़ के सामने नूरा को बहुत बुरी तरह पीटा। इतना पीटा कि नूरा लहूलुहान हो गया। सीरियस हालत में उसे पास के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दाऊद ने जब नूरा पर समद ख़ान के हमले की ख़बर सुनी तो उसे यक़ीन नहीं हुआ। उसने सोचा, अभी तो कुछ दिन पहले समद ही उसके पास आया था और हमला न करने का समझौता करके गया था। फिर उसके छोटे भाई पर उसने हमला क्यों किया? विज्ञापन तो उसके चाचा ने छपवाया और समद ने हमला उसके छोटे भाई पर किया। दाऊद फ़ौरन अस्पताल पहुंचा। अपने छोटे भाई को घायल देखकर उसका ख़ून खौलने लगा। समद ने नूरा की बहुत बेरहमी से पिटाई की थी। उसके दांत कई टूट गए थे, जिससे नूरा बोल नहीं पा रहा था। दाऊद ने कठोर फ़ैसला ले लिया कि समद अब और ज़िंदा नहीं रहना चाहिए। समद को अब तो मरना होगा। उसने जो कुछ किया उसकी सज़ा मौत और केवल मौत ही है। मौत से कम कुछ भी नहीं।

इसके बाद दाऊद घर आया और अपने पंटरों को गुप्त रूप से एक जगह बुलाया। बैठक में उसने कह दिया कि कल का दिन समद ख़ान ने उसके छोटे भाई नूरा को मारा। समद यह जानता था कि नूरा दाऊद का भाई है, फिर भी उसने नूरा को मारा। यानी समद ने दाऊद को खुली चुनौती दी है। चुंकि समद ने किसी और को नहीं बल्कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को ललकारा है। दाऊद को चुनौती दी है, इसलिए कल का दिन समद का आखिरी दिन होना चाहिए। किसी भी कीमत पर उसे समद की जान चाहिए। उसके एक पंटर ने दाऊद को कुछ बताया तो दाऊद की बांछें खिल उठी।

दरअसल दाऊद के पंटर ने दाऊद का समद ख़ान के उस गोपनीय ठिकाने का पता बता दिया, जहां समद ख़ान अक्सर तशरीफ ले जाता था और अपना समय अच्छी तरह मज़े करते हुए गुजारता था। चूंकि अपराध की दुनिया में क़रीब-क़रीब हर अपराधी के लिए मोहब्बत बहुत बुरी चीज़ साबित हुई है, इसलिए मोहब्बत समद के लिए भी बुरी चीज़ ही साबित होनी चाहिए, क्योंकि अब यही मोहब्बत मसद की मौत का वजह बनेगी। यानी समद का खेल जल्दी ही खत्म हो जाएगा। बेचारा समद! दाऊद उस मी सिगरेट पीता हुआ यही सोच रहा था। उसके दिमाग़ में कई विचार जन्म ले रहे थे।

(The Most Wanted Don अगले भाग में जारी…)

अगला भाग पढ़ने के लिए क्लिक करें – द मोस्ट वॉन्टेड डॉन – एपिसोड – 20