अमेरिकी राष्ट्रपतियों को भी पसीना आ जाता था लैरी किंग लाइव में

0
831

उम्मीद की जा रही थी कि टीवी एंकरिंग की दुनिया के बेताज़ बादशाह प्रसिद्ध टीवी एंकर लैरी किंग (Larry King) अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन का इंटरव्यू लेकर आठ अमेरिकी राष्ट्रपतियों का इंटरव्यू लेने का रिकॉर्ड कायम करेंगे, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना ने शनिवार (23 जनवरी 2021) को उनकी भी जान ले ली। इस तरह दुनिया का सबसे लोकप्रिय पत्रकार ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

दलाई लामा, एलिजाबेथ टेलर, मिखाइल गोर्बाचेव, बराक ओबामा, बिल गेट्स,माइकल जैक्सन और लेडी गागा समेत दुनिया भर के नामचीन राजनेताओं एवं फिल्मी सितारों का साक्षात्कार लेने वाले प्रसिद्ध टीवी एंकर लैरी किंग हमेशा याद किए जाएंगे। लैरी किंग द्वारा सह-स्थापित स्टूडियो तथा नेटवर्क ‘ओरा मीडिया’ की ओर से ट्वीट किया गया कि किंग का लॉस एंजिलिस के सेडार्स-सिनाई मेडिकल सेंटर में निधन हो गया। किंग के निधन का कारण नहीं बताया गया, लेकिन सीएनन ने इससे पहले ख़बर दी थी कि कोविड-19 की चपेट में आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लैरी किंद 87 वर्ष के थे।

लैरी किंग ने अपने करियर में लगभगर 50 हज़ार साक्षात्कार लिये। साल 1995 में उन्होंने फिलिस्तीन लिबरेशन फ्रंट (पीएलओ) के अध्यक्ष यासिर अराफात, जॉर्डन के किंग हुसैन और इज़राइल के प्रधानमंत्री यित्जाक रॉबिन के साथ मध्य-पूर्व शांति सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। उन्होंने अपने करियर में तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा, लोकप्रिय अभिनेत्री एलिजाबेथ टेलर, सोवियतं संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और लेडी गागा तक तमाम नामचीन लोगों ने उनके शो में शिरकत की।

संपूर्ण रामायण पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अमेरिका के राष्ट्रपति बरॉक ओबामा, माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक तथा अध्यक्ष बिल गेट्स तथा गायिका, गीतकार और अभिनेत्री लेडी गागा समेत कई नामचीन हस्तियों के भी साक्षात्कार लिए। लैरी किंग के शो में आने वाले फिल्मी सितारों की चमक बढ़ जाया करती थी। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि एक कैंडिडेट ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतरने का ऐलान उनके शो में किया था। टीवी ब्रॉडकास्ट की दुनिया में लैरी किंग ने एक अलग ही मुकाम बनाया। नामचीन लोगों से उनकी बातचीत और राजनीतिक बहसों को लोग बड़े चाव से सुनते-देखते थे। अपने खास लहजे के लिए वह जाने जाते थे। सवालों को छोटा और सटीक रखने का उनका हुनर इंटरव्यू को एक अलग मुकाम पर ले जाता था। 1992 में अरबपति रॉस पेरो ने किंग के शो में ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया।

उनका शो लैरी किंग लाइव 1985 से 2010 तक सीएनएन पर नियमित रूप से प्रसारित होता रहा। यह सीएनएन का सुपरहिट शो था। लैरी  किंग ने करीब 50 हजार ऑन-एयर इंटरव्यू किए। किंग अपनी बातचीत से नई खबरें निकालने का हुनर जानते थे। 2007 में ऐक्ट्रेस पेरिस हिल्टन ने जेल में बिताए दिनों का किस्सा बयान किया उनसे तो 2009 में माइकल जैक्सन की मौत के बारे में उनके दोस्तों ने उनसे खुलकर बात की।

दाऊद इब्राहिम की संपूर्ण कहानी पहले एपिसोड से पढ़ने के लिए इसे क्लिक करें…

लैरी किंग अपने मेहमानों और सुनने वालों को बेहतरीन ढंग से जोड़ दिया करते थे। घुमा-फिराकर सवाल करना उनकी फितरत नहीं थी। शायद यही वो चीज़ थी, जो उनके मेहमानों और सुनने वालों को बेहद क़रीब ले आती थी। बात करने से कतराने वाले नामचीन लोग भी उनके शो की ओर खिंचे चले आते। इंटरव्यू देने से परहेज करने वाले फ्रैंक सिनात्रा आखिरकार 1988 में किंग के शो में आए। इसी तरह जानेमाने अभिनेता मर्लन ब्रैंडो भी इंटरव्यू से अमूमन दूर रहा करते थे, लेकिन 1994 में किंग के शो में वह भी आए। हाल यह रहा कि 90 मिनट तक चली बातचीत का अंत एक गाने और एक किस से हुआ। वह तस्वीर मीडिया में काफी समय तक छाई रही।

सीएनएन पर जून 2010 में अपने शो लैरी किंग लाइव की 25वीं सालगिरह के मौके पर किंग ने यह ऐलान कर सबको हैरान कर दिया कि वह अब शो को अलविदा कह रहे हैं। एक समय केबल टीवी न्यूज की दुनिया में लीडर रहे उनके शो को 1998 में 16 लाख 40 हजार लोग देख-सुन रहे थे। बाद के दिनों मे ट्विटर पर भी उनका जलवा रहा। 20 लाख से ज्यादा फॉलोअर थे उनके। लैरी किंग ने अमेरिका के सात राष्ट्रपतियों से उनके पद पर रहने के दौरान इंटरव्यू लिया। उनके निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने सात महिलाओं से आठ बार शादी की। जिन मशहूर ऐक्ट्रेस एलिजाबेथ टेलर का उन्होंने इंटरव्यू लिया था, एक तरह से इस मामले में वह उनके जैसे ही रहे। टेलर ने सात पुरुषों से आठ विवाह किए थे।

लैरी किंग का जन्म 1933 में पूर्वी यूरोप से आए एक यहूदी प्रवासी परिवार में हुआ था। उनका बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा। अभी उन्होंने जवानी की दहलीज पर कदम भी नहीं रखा था कि उनके पिता की मौत हो गई। उस मुश्किल दौर से उबर कर उन्होंने अपने लिए दुनिया में अपनी एक ख़ास जगह बनाई। 1995 में तो एक अलग ही मुकाम हासिल हुआ उन्हें। लैरी किंग को पश्चिम एशिया में शांति के लिए आयोजित शिखर सम्मेलन में शामिल किया गया।

हरिगोविंद विश्वकर्मा

इसे भी पढ़ें – मुंबई से केवल सौ किलोमीटर दूर ‘महाराष्ट्र का कश्मीर’