अधिक ऑक्सीजन के लिए इन पौधों को लगाएं

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कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में नासा ने इन पौधों को उपयोगी बताया

भारत ही नहीं पूरी दुनिया कोरोनो वायरस के संक्रमण के दौर में ऑक्सीजन की जुगाड़ करने में बिज़ी है। भारत में तो ऑक्सीजन के अभाव मैं हज़ारों लोग दम तोड़ चुके हैं। ऐसे में आप अपने घर में या आसपास दस ऐसे पौधे लगाकर ज़्यादा ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं, ये पौधे आपके घर के लिए एयर प्‍यूरीफायर का भी काम करते हैं। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (National Aeronautics and Space Administration) यानी नासा (NASA) ने गहन रिसर्च के बाद इन पौधों को ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत बताया है। कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में नासा ने इन पौधों को बहुत ज़्यादा उपयोगी बताया है। सबसे बड़ी बात इन्हें लगाने में ज़्यादा पैसे भी नहीं ख़र्च करने पड़ेंगे।

मनी प्‍लांट
मनी प्‍लांट (Money Plant) वह पौधा है जो बहुत कम रोशनी में भी ऑक्‍सीजन तैयार करने की क्षमता रखता है। नासा की मानें तो मनी प्‍लांट बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसी जहरीली गैसों को अवशोषित कर लेता है। मनी प्‍लांट को आप अगर हफ़्ते में एक बार भी पानी देंगे तो भी यह बढ़ता रहेगा। इस पौधे को आप किसी भी कमरे में रख सकते हैं। हालांकि मनी प्लांट को अक्‍सर बच्‍चों और पालतू जानवरों से दूर रखें। इस पौधे को बच्‍चों के लिए ज़हरीला माना जाता है। अगर ग़लती से बच्‍चे या जानवर इसे खा लेते हैं तो फिर उल्टी-दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

एलोवेरा
एलोवेरा (Elo Vera) वह पौधा है जो हर किसी के घर की बालकनी या फिर छत पर मिल जाएगा। इस पौधे से निकलने वाला जेल न सिर्फ किचन में काम आता है बल्कि यह ब्‍यूटी केयर का भी खज़ाना है। आयुर्वेद में इसके कई औषधीय फ़ायदों का जिक्र है। इसकी पत्तियां आसपास के वातावरण से वार्निश, फ्लोर वार्निश और डिटर्जेंट्स में पाए जाने वाले बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड को अवशोषित कर लेती हैं। एलोवेरा धूप में यह अच्छी तरह पनपता है। इसे पानी देने की भी ज़्यादा जरूरत नहीं होती है। इसे आप ऐसी किसी भी जगह रख सकते हैं जहां पर धूप आती हो।

ऐरेका पाम
सभी प्‍लांट्स में ऐरेका पाम (Areca Palm) वह पौधा है जो वातावरण की कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेता है और फिर ऑक्सीजन छोड़ देता है। यह ख़ूबसूरत तो होता ही है, यह प्‍लांट आसपास हवा में मौजूद ख़तरनाक फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को भी अवशोषित कर लेता है। इस प्‍लांट की ख़ासियत है कि यह हल्‍की रोशनी और कम पानी में भी उग जाता है। नासा के मुताबिक अगर आपके घर में कंधे के बराबर चार एरेका प्‍लांट हो तो काफी बेहतर रहता है। आप इसे अपने लिविंग रूम में रख सकते हैं।

नाग पौधा या स्‍नेक प्‍लांट
स्‍नेक प्‍लांट (Snake Plant) को नाग पौधा भी कहते हैं। इस पौधे की ख़ासियत यह है कि यह रात के समय में भी ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन करता है। साथ ही यह पौधा बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, ट्रिक्‍लोरो, जाइलीन, टोलुइन जैसी जहरीली गैसों को अवशोषित कर लेता है। स्‍नेक प्‍लांट को आप अपने बेडरूम में रख सकते हैं। ये पौधा खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी में भी काफी अच्छे से उग जाता है। इसे हफ़्ते में बस एक बार पानी देने की ज़रूरत होती है।

गरबेरा डेजी
गरबेरा डेजी (Garbera Daisy) को एक खूबसूरत होम प्लांट्स में माना जाता है। यह पौधा हवा के दूषित कणों को बाहर निकालता है। इसमें पत्तों के साथ फूल भी लगे होते हैं। इसके फूल काफी दिन तक ताज़ा बने रहते हैं। इस पौधे को बेडरूम में भी लगाया जा सकता है। इस पौधे को कई लोग सजावट के तौर पर प्रयोग करते हैं। इस पौधे की ख़ासियत है कि यह रात में भी ऑक्सीजन बना सकता है। नासा की एक रिसर्च के मुताबिक यह पौधा वातावरण से बेंजीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को अवशोषित कर लेता है। इस पौधे को सूर्य के प्रकाश की ज़रूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां इसे कुछ घंटे तक सीधी धूप मिल सके। आपको इसे नियमित तौर पर पानी देने की जरूरत है क्‍योंकि अगर इसकी मिट्टी नम नहीं होगी तो फिर यह ठीक तरह से पनप नहीं पाएगा। इस प्‍लांट को आप बेडरूम में खिड़की के पास रख सकते हैं।

चाइनीज एवरग्रीन
चाइनीज एवरग्रीन (Chinese Evergreen) सदाबहार बारहमासी पेड़ है जो घर के अंदर रखा जाने वाला पौधा है। यह पौधा देखने मे बड़ा अच्छा लगता है और सजाने के भी काम आता है। इसका जीवनकाल लगभग 5-6 साल का होता है। धीरे-धीरे बढ़ने वाले यह पौधा 18-27 डिग्री सेल्सियस के बीच अच्छी तरह पनपता है। यह कम रोशनी में भी पनप सकता है। इनकी अधिकतम ऊंचाई 3 फीट होती है। बड़ी-बड़ी पत्तियों वाला यह पौधा वातावरण से बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड को अवशोषित कर लेता है। इसे रोजाना पानी देने की जरूरत नहीं है। पालतू जानवरों के लिए यह जहरीला हो सकता है इसलिए उनसे बचाकर रखें। यह पौधा खासकर चीन, भारत, इंडोनेसिया जैसे देश मे पाया जाता है। यह प्रदुषण को कम करने मे भी मददगार है। नासा का कहना है कि यह पौधा घर के वातावरण के साथ हवा को शुद्ध करता है। इससे बहुत अधिक ऑक्सीजन निकलती है।

स्पाइडर प्लांट
कई पौधे घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद होते हैं। ऐसे ही पौधों में से है स्पाइडर प्लांट। इसीलिए स्पाइडर प्लांट (Spider Plant) को लोग घरों में लगाते हैं। यह पौधे देखने में भी बहुत अच्छा लगता है। यह आस-पास का वातावरण प्रदूषण मुक्त और ऑक्सीजन से भरपूर रखता है। इसे रिबन प्लांट भी कहते हैं। इस पौधे की ऊंचाई करीब 60 सेंटीमीटर या दो फीट तक होती है। यह पौधे 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी सह लेते हैं। मगर नासा ने इनके लिए सबसे अच्छा तापमान 18 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस तक बताया है। स्पाइडर प्लांट वातावरण से बहुत तेज़ी से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसी गैसों को अवशोषित कर लेता है। इसे हफ़्ते में एक बार पानी देने की जरूरत होती है। लेकिन इस बात का ज़रूर ध्‍यान रखें कि अगर मिट्टी नम है तो आप एक-या दो दिन बाद ही पानी दें। इसे आप अपने लिविंग रूम या फिर बेडरूम में सजा सकते हैं।

ब्रॉड लेडी पाम
ब्रॉड लेडी पाम (Broad Lady Palm) एक खास किस्म का प्लांट है। इस प्‍लांट को बैम्बू पाम के नाम से भी जाना जाता है। यह जहां भी लगाया जाता है, उस जगह की खूबसूरती को बढ़ा देता है। इंडोर प्लांट के रूप में यह घर के इंटीरियर में नेचर की फीलिंग देता है। यह वह रूम प्‍लांट है जो क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पाए जानी वाली गैस अमोनिया को अवशोषित कर लेता है। यह पौधा आसपास के वातावरण से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को भी कम करता है। यह न सिर्फ़ हवा को तो साफ़ करता ही है साथ ही साथ उसमें ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाता है। यह पौधा 4 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। सीधी धूप से इसके पत्तों का रंग फीका पड़ जाता है। इसलिए इसे ऐसी जगह रखें जहां पर छांव हो। गर्मियों में इसे पानी देना जरूरी है बल्कि इसे रोजाना पानी देना पड़ता है।

ड्रैगन ट्री
दुनिया में अजीबोगरीब वृक्ष, पेड़ या पौधे पाए जाते हैं। उनमें से एक ड्रैगन ट्री (Dragon Tree) कहते हैं। पेड़ हमारे जीवन को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके होने से ही ऑक्सीजन है और इनके होने से ही जीवन भी है। पेड़ का काटा जाना जीवन को नष्ट करना है। इस प्‍लांट को रेड-एज ड्रैसेनिया भी कहते हैं। यह हमेशा हरा-भरा रहने वाला पौधा है। यह पौधा बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है। इस पौधे को सूरज की रोशनी की भी जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह भी रखा जा सकता है जहां धूप आती हो। पानी इसकी मिट्टी में नमी के हिसाब से दे सकते हैं। आप इस पौधे को बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह पर रख सकते हैं जहां धूप आती हो।

वीपिंग फिग
वीपिंग फिग (Weeping Fig) का पौधा महारानी विक्टोरिया के समय से ही काफी पसंद किया जाने वाला रूम प्लांट है। प्राकृतिक अवस्था में यह 20 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। दरअसल, इनके तनों से ही जड़ें निकलने लगती हैं, जब यह जड़ लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं तो खुद एक अतिरिक्त तना बन जाती है। इसकी पत्तियां नीचे लटकती हुई ऐसी दिखती हैं जैसे आंसू टपक रहे हों। इसलिए इसे वीपिंग ट्री नाम दिया गया है। यह पौधा भी घर की हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को तेजी से अवशोषित करके ऑक्सीजन रिलीज करता है। गमले या जमीन में इसकी जड़ें बहुत तेजी से फैलती हैं। पालतू जानवरों को इस पौधे से एलर्जी हो सकती है। यह पौधा मतौर पर सर्दियों में सूख जाता है।
हरिगोविंद विश्वकर्मा