शिक्षण संस्थान शुरू होगा विश्वकर्मा समिति की इमारत में

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तीनों भंग कमेटियों ने 1.21 करोड़ रुपए टास्ट टीम के हवाले की

मुंबई। मुंबई में विश्वकर्मा समाज की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था विश्वकर्मा समिति, मुंबई ने एकता की ओर एक और अदम कदम बढ़ाया है। विश्वकर्मा समिति ने सांताक्रुज के कालीना स्थित अपने भव्य परिसर में शिक्षण संस्थान शुरू करने का फैसला लिया है। इस बारे में अधिवक्ता जेपी शर्मा, सुनील राणा और राजेंद्र विश्वकर्मा की तीन सदस्यीय अधिकार प्राप्त टास्क टीम शिक्षा जगत से जुड़े शिक्षा विशेषज्ञों से की सलाह ले रही है।

टास्क टीम ने पिछली बैठक के बाद लिए गए फैसले पर चर्चा करने के लिए मंगलवार की शाम विश्वकर्मा समिति मुंबई, कालीना सांताक्रुज स्थित परिसर में दोबारा बैठक बुलाई। गौरतलब है कि पिछली सर्वसाधागण सभा में सभी तीनों कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। मंगलवार की बैठक में वरिष्ठजनों की मौजूदगी में तीनों कमेटियों ने विभिन्न बैंको में जमा एक करोड़ 21 लाख रुपए से अधिक की राशि तीन सदस्यीय टास्क टीम को सौंप दिया।

सबसे पहले बैठक में पूर्व कार्याध्यक्ष सुनील राणा ने टास्क टीम को अपने तीन साल के कार्यकाल में जुटाए गए धन का ब्यौरा देते हुए खर्च के बाद बची धनराशि, जो विश्वकर्मा समिति के विभिन्न बैंक खातों में जमा है, टास्क टीम के हवाले कर दिया। श्री राणा ने कहा कि उनकी टीम ने अपने कार्यकाल में चंदे में के रूप में सबसे अधिक धन जुटा कर विश्वकर्मा समिति की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम किया।

इसके बाद वरिष्ठ सदस्य लल्लूराम विश्वकर्मा ने दो भंग कार्यकारिणी समितियों की ओर से बैंकों में जमा 58 लाख रुपए टास्क टीम को सौंप दिया। इसके अलावा तीनों भंग समितियों की ओर से चेक बुक, फिक्स डिपॉजिट, पास बुक समेत बैंक से संबंधित सभी दस्तावेज टास्क टीम को हवाले कर दिए गए। टास्क टीम की ओर से जेपी शर्मा ने कहा कि चैरिटी कमिश्नर की अनुमति से अस्थायी टास्क टीम जल्द से जल्द विश्वकर्मा समिति का चुनाव कराने और नई कार्यकारिणी के गठन के लिए प्रयास करेगी।

पिछले महीने हुई बैठक में विश्वकर्मा समाज के गणमान्य और वरिष्ठजनों की एकता की अपील के बाद समिति के 14 साल से चल रहे आपसी विवाद को स्थायी रूप से सुलझाया गया था और सभी कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया था। टास्क टीम की ओर से जेपी शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समिति, मुंबई के आपसी विवाद के चलते पूरे देश में समिति की अवमानना हुई और समाज में बहुत गलत और नकारात्मक संदेश गया। इतना ही नहीं इस विवाद के कारण सामाजिक एकता भी कमजोर हुई। लेकिन अब हम सबने समाज के व्यापक हित में मिल-जुल कर काम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समिति का परिसर साफ सुथरा करने की ज़रूरत है। जो अस्थायी शेड बनाए गए हैं, सबको दो सप्ताह के अंदर हटाया जाना चाहिए।

जेपी शर्मा ने तीनों भंग कमेटियों के सदस्यों से अपील की कि जल्द से जल्द नए बनाए गए सदस्यों की सूची और सदस्यता शुल्क की रसीद टास्क टीम को दी जाए। ताकि टास्क टीम सदस्यों को परिचय पत्र जारी करके चैरिटी कमिश्नर की मंजूरी से नई कार्यकारिणी का चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि इस बारे शीघ्र ही एक अपील जारी की जाएगी कि जिनका नाम कार्यालय में लगी सूची में न हो वो अगर सदस्यता शुल्क जमा किए हैं तो कार्यालय में संपर्क करके अपना नाम सूची में डलवा सकते हैं।

मंगलवार की बैठक में आम राय से विश्वकर्मा समिति की चार मंजिली इमारत में शिक्षण संस्थान शुरू करने का फैसला किया गया। इसके लिए मुंबई, गुजरात और उत्तर प्रदेश में कई स्कूल-कॉलेज शुरू कर चुके शिक्षाविद मुकेश सावला को बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। विश्वकर्मा परिसर की प्रशंसा करते हुए मुकेश सावला ने कहा कि यहाँ उच्च स्तरीय संथान शुरू करना और उसे संचालित करना बहुत है।

श्री सावला ने कहा कि कालीना जैसे इलाके में होने के कारण विश्वकर्मा समिति का परिसर शिक्षण संस्थान के लिए बहुत अनुकूल हो साबित होगा। यहां कम प्रयास से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। यहां शुरू होने वाला संस्थान दिन दूनी-रात चौगुनी विकास करेगा। तूफानी विश्वकर्मा ने कहा कि संस्था की छह मंजिली इमारत की परमिशन है। तो बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के इमारत को दो मंज़िल और ऊपर उठाया जा सकता है, क्योंकि इमारत की नींव भविष्य की योजना को ध्यान में रख कर डाली गई है। इससे एक तिहाई जगह बढ़ जाएगी।

बैठक में मोतीलाल विश्वकर्मा, विजय शंकर विश्वकर्मा, रामनरेश विश्वकर्मा और दिनेश शर्मा समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे और कई बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक में आम राय से यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वकर्मा समिति के प्रांगण में समिति को इस मुकाम तक लाने वाले कर्मठ लोगों का नाम पत्र लगाया जाएगा। पूर्व अध्यक्ष मेवालाल विश्वकर्मा ने कहा कि समिति के सदस्यों की महीने में एक बार बैठक होनी चाहिए। पूरे कार्यक्रम का सफल संचाचन करते हुए बाबूलाल विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समिति के प्रांगण खासकर विश्वकर्मा मंदिर में हर महीने भजन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जा सकते हैं। इससे लोग नियमित रूप से संस्था में आने लगेगे।

बैठक में पूर्व अध्यक्ष मेवालाल विश्वकर्मा और धनराज शर्मा के अलावा रामनरेश विश्वकर्मा, गंगाराम विश्वकर्मा, प्रकाश प्यारेलाल विश्वकर्मा, टैक्स विशेषज्ञ अनिल विश्वकर्मा, बृजेश विश्वकर्मा, सुभाष विश्वकर्मा, रमेश शिवी, शोभनाथ विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, राजन विश्वकर्मा, वीरेंद्र विश्वकर्मा, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, संतोष विश्वकर्मा, परविंदर विश्वकर्मा, लक्ष्मीचंद विश्वकर्मा, रामकुमार विश्वकर्मा, राधेश्याम विश्वकर्मा और रमेश विश्वकर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने समाज हित काम करने और विश्वकर्मा समिति का पुराना गौरव बहाल करने का संकल्प लिया। विश्वकर्मा समिति में 20007-08 में फूट पड़ गई थी और गुट बन गए थे। तीनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमेबाजी शुरू कर दी थी और चैरिटी कोर्ट और दूसरी अदालतों में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। बहरहाल टास्क टीम की पहल पर सभी लोग अपनी-अपनी शिकायत वापस लेने के लिए हलफनामा दायर करेंगे।

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