ऐसे समय जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने अपने बेटे की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके परिजनों पर सुशांत को मौत को गले लगाने के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुंबई पुलिस की जांच पर उन्हें बिल्कुल भरोसा नहीं है, तो महाराष्ट्र सरकार को एक संवेदनशील सरकार होने के नाते इस गंभीर और संवेदनशील मामले की जांच देश की सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफ़ारिश कर देनी चाहिए। केके सिंह ने कहा है कि पिछले डेढ़ महीने से मुंबई पुलिस जिस तरह से जांच कर रही है, उससे यह लगता है कि उनके बेटे को इंसाफ़ नहीं मिल पाएगा।
दरअसल, सुशांत सिंह की रहस्यमय मौत के बाद मुंबई पुलिस जिस तरह टेलीविज़न सीरियल की तरह एक-एक करके नामचीन हस्तियों को बुला रही है और उनके बयान दर्ज कर रही है। इससे सुशांत के पिता और दूसरे परिजनों का फेडअप हो जाना स्वाभाविक है। मुंबई पुलिस जिस रफ्तार से संबंधित लोगों को बुला रही है और उनके बयान दर्ज कर रही है, उससे साफ़ है कि बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में ही साल-छह महीने लग सकते हैं। तब तक लोगों का ग़ुस्सा भी शांत हो जाएगा। इसका मतलब मुंबई पुलिस जांच कम इस मामले को अधिक से अधिक समय तक खींचने की कवायद ज़्यादा कर रही है। यशराज फिल्म्स के मालिक और प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा, जानेमाने निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और धर्मा प्रोडक्शन के सीईओ अपूर्व मेहता समेत कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है और कई लोगों से पूछताछ की जाने वाली है।
चूंकि सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत में नेपोटिज्म में शामिल रही बॉलीवुड की सेक्यूलर ब्रिगेड का नाम आने से ही मामला गड्डमड्ड हो गया है। इस बात की संभावना नहीं के बराबर है कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आशीर्वाद से सत्ता सुख भोग रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस संवेदनशील केस की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश करेंगे। चूंकि इस मामले में सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने पटना में एफआईआर दर्ज करवा दी है, लिहाज़ा, यह मामला अब केवल महाराष्ट्र का नहीं रह गया है। इसमें बिहार भी शामिल हो गया।
इसी बिना पर क़ानून के जानकार कहने लगे हैं कि जो केस बहुत विवादास्पद हो जाए और उसमें दो-दो जगह एफआईआर दर्ज हो जाएं, उस केस की जांच सीबीआई से कराना सबसे अधिक उपयुक्त होता है। फिर इस मामले में सुशांत के पिता ने रिया पर बहुत संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप में कहा है कि सुशांत सिंह की एक बड़ी साज़िश के साथ हत्या की गई, जिसमें बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों के साथ साथ मुंबई के कई नामचीन मनोचिकित्सक भी शामिल है।
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केके सिंह ने आरोप लगाया है कि सुशांत अगर मनोचिकित्सक के पास जा रहा था तो, उसी मेडिकल हिस्ट्री की भी गहन जांच करने की जरूरत है, ताकि यह पता चल सके कि उसे कौन सी मानसिक बीमारी थी। वह किस डॉक्टर से इलाज करवा रहा था और उस डॉक्टर ने सुशांत को कौन-कौन सी दवा या टेबलेट्स कितनी मात्रा में लेने के लिए प्रेसक्राइब्ड किया था। इस बयान का मतलब यह भी है कि केके सिंह को आशंका है कि टेबलेट देकर उनके बेटे को साज़िशन पागल कर दिया गया, क्योंकि रिया से संबंध बनने से पहले सुशांत एकदम फिट थे।
भारतीय समाज में प्रचलित एक कहावत है, सांच को आंच नहीं होता। यानी जो सच है वह सच ही रहेगा, उसकी तहक़ीक़ात चाहे जो करे या जैसे भी करे और जितना भी कर ले। इसलिए अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत को लेकर अगर महाराष्ट्र सरकार या मुंबई पुलिस के मन में कोई खोट नहीं है, तो उन्हें ख़ुद सीबीआई जांच की पहल कर देनी चाहिए। सुशांत के परिवार के अलावा अभिनेता के फैन्स का एक बड़ा तबक़ा जब सीबीआई जांच की लिए ज़िद पकड़ लिया है तो उसे मान लेने में कोई हर्ज नहीं दिख रहा है।
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हां, अगर महाराष्ट्र सरकार या मुंबई पुलिस के मन में सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत को लेकर अगर कोई खोट तब बात दूसरी है। तब सरकार सीबीआई जांच में आना कानी कर सकती है। इसके लिए उसके पास संवैधानिक अधिकार भी है। इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि अगर सुशांत रहस्यमय मौत आत्महत्या न होकर हत्या है, जैसा कि अभिनेता के प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग दावा कर रहा है, तो यह बहुंत सीरियस मुद्दा है। यह राज्य की क़ानून व्यवस्था के सामने भी गंभीर प्रश्न है, जिसे हल करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
बेहतर तो यह होता कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ख़ुद ही केंद्र सरकार से कह देते कि अगर लोगों को मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है तो सीबीआई से जांच करवा लेनी चाहिए। लेकिन उन्होंने ऐसी पहल नहीं की। उलटे शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राऊत ने अपनी तरफ़ से ख़ुद दावा कर दिया कि सुशांत सिंह डिप्रेशन में थे, लिहाज़ा, वे देर-सबेर खुदकुशी करने ही वाले थे। इतना ही नहीं, संजय राऊत ने इस बात पर भी ऐताराज जताया था कि पुलिस दिग्ग्ज फिल्मी हस्तियों से दस-दस या बारह-बारह घंटे क्यों पूछताछ कर रही है। संजय राऊत का बयान सीधे राज्य के सत्तारूढ दल के एक सांसद का जांच को प्रभावित करने की कवायद है।
दरअसल, इस तरह का लेख लिखकर शिवसेना की ओर से मुंबई पुलिस पर दबाव भी बनाया जा रहा है कि दिग्गज फिल्मी हस्तियों से पूछताछ न करें और करे भी तो संक्षिप्त। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने ‘सामना’ में अपने लेख में पुलिस की पूछताछ के तरीके पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “आखिर पुलिस इस मामले में लोगों से इतनी देर पूछताछ क्यों कर रही है? सुशांत की मौत को लगभग महीना हो गया लेकिन चर्चा थम ही नहीं रही है। सुशांत की मौत के बाद देश में और भी बहुत कुछ घटा है लेकिन इस पर किसी का ध्यान ही नहीं है। सारा फोकस सुशांत की मौत पर ही है।”
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लेख में राऊत ने दावा किया कि “निराशा की चपेट में आकर सुशांत ने मौत को गले लगा लिया। क्या उनके डिप्रेशन का कारण वास्तव में कमर्शियल था? यह 100 फीसदी सही नहीं है। एक निर्माता ने कहा कि वह पहले से ही जानता था कि सुशांत आत्महत्या करेगा। उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। वह सेट पर भी अजीब तरह की हरकतें करता था, जिससे यूनिट के लोगों को बहुत परेशानी होती थी।” संजय का कहना है कि वह जॉर्ज फर्नांडीस की बायोपिक बना रहे थे, जिसमें सुशांत को लेना चाहते थे। लेकिन जब कई लोगों से सुना कि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। तो उन्होंने इरादा बदल दिया।
वैसे संजय राऊत ने अपने लेख में जो बातें लिखीं हैं, वही आरोप सुशांत सिंह के पिता ने लगाया है। केके सिंह ने अपनी तहरीर में कहा है कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत से कहा था, “अगर तुम मेरी बातें नहीं मानोगे तो मैं तुम्हारी मेडिकल रिपोर्ट को मीडिया में सार्वजनिक कर दूंगी और सबको बता दूंगी की तुम पागल हो गए। इसके बाद तुम्हें कोई काम नहीं देगा।” संजय राऊत ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने कई लोगों से सुना कि सुशांत का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। तो उन्होंने जॉर्ज फर्नांडीस की बायोपिक पर बनने वाली फिल्म में सुशांत को लेने का इरादा बदल दिया।
वैसे सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही ख़बरों, जिनका इंडिया व्यूपॉइंट पुष्टि नहीं करता, में कहा गया है कि सुशांत आत्महत्या से पहले आदित्य ठाकरे की बर्थडे पार्टी में शामिल हुए थे। पार्टी में उनकी सूरज पंचोली के साथ कोई विवाद हो गया। इस पर सुशांत ने कहा था कि उसे पता है कि सूरज पंचोली ने उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियन के साथ क्या किया था। इस बात पर सलमान खान नाराज हुए थे और पार्टी में ही सुशांत को जमकर लताड़ा था। सोसल मीडिया की पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि सूरज पंचोली दिशा सालियन को डेट कर रहे थे और दिशा दिशा प्रेग्नेंट हो गई थी सुशांत को इस बात की जानकारी थी। लिहाजा और वह दिशा की मदद करना चाहते थे। लेकिन इस बीच ख़बर आई कि दिशा ने कथित तौर पर बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली। कई लोग तो कह रहे हैं कि दिशा ने खुदकुशी नहीं की बल्कि उसे नीचे फेंक दिया गया था। कई लोग दिशा और सूरज का हग करते हुए फोटो पोस्ट किया है। सोशल मीडिया का निष्कर्ष यह है कि सुशांत के पास कोई बड़ा राज़ था, जिसे दबाने के लिए सुशांत की साज़िश के तहत हत्या कर दी गई।
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मुंबई देश की आर्थिक राजधानी ही नहीं बल्कि मायानगरी भी है। यह लोगों के सपने को साकार करती है। इसीलिए देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग अपने सपने को साकार करने के लिए ही मुंबई मायानगरी में क़दम रखते हैं। या दीगर बात है कि यहां आधा फ़ीसदी से भी बहुत कम लोग अपने सपने को साकार कर पाते हैं। बाक़ी सभी जीवन भर स्ट्रल करते रहते हैं और उनके सपने रेत के महल की तरह भरभरा कर गिरते रहते हैं और वे लोग मजबूरी में दूसरे काम करने लगते हैं, जिनसे दो जून की रोटी मिलती है।
सफल होने वाले यहां स्ट्रल करके अपना एक अगल मुकाम बनाते हैं। स्टारडम, शोहरत और कामयाबी हासिल करते हैं। धन-दौलत कमाकर अपने लिए ऐशो आराम की हर चीज़ जुटाते हैं। सुशांत सिंह भी एक सपना लेकर 2008 में मुंबई आया था। वह उन भाग्यशाली लोगों में था, जिन्हें मौक़ा मिल गया। सुशांत ने मौके को भुनाया और स्टार बन गया। उसके पास स्टारडम था, शोहरत था, वह कामयाब था, ख़ूब धन-दौलत कमाकर अपने लिए ऐशो आराम की हर चीज़ जुटा रहा था। साथ ही साथ वह स्टार से सुपरस्टार बनने की सीढ़ियां तेज़ी से चढ़ रहा था।
इसी बीच 14 जून 2020 को अचानक वह ख़बर आई जिस पर किसी को यक़ीन ही नहीं हुआ। ख़बर यह थी कि सुशांत ने अपने ही घर की छत में लगे सीलिंग फैन से लटककर फ़ांसी लगा ली और मौत को गले लगा लिया। सबसे बड़ी बात सुशांत के क़रीबी लोगों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने से पहले ही कहना शुरू कर दिया कि सुशांत डिप्रेशन में था, लिहाज़ा, अचानक जीवन से ऊब कर मौत को गले लगा लिया। यह थ्योरी किसी को हजम नहीं हुई। सुशांत के परिवार वाले और उसके फैन्स मानने के लिए तैयार ही नहीं हुए कि शाहरूख ख़ान की तरह बुद्धू बक्से से अभिनय का करियर शुरू करके चंद साल में ही बड़े परदे पर छा जाने वाला कलाकार अचानक अपनी ईहलीला क्योंकर ख़त्म करेगा। इसीलिए डिप्रेशन और आत्महत्या की थ्योरी किसी के गले नहीं उतर रही है।
टीवी सीरियल बेहद चर्चित सीरियल्स में से एक ‘पवित्र रिश्ता’ से अभिनय के करियर की शुरुआत करने और सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाले वाले सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स जब से उसकी मौत की ख़बर सुने हैं, तब से सभी लोग बेचैन हैं और सोशल मीडिया पर केवल और केवल सीबीआई जांच की माग कर रहे हैं। लोगों के कमेंट से यह निष्कर्ष निकलता है कि उनका मन मान ही नहीं रहा है कि सुशांत ने ख़ुदकुशी कर ली। ऐसे में इस चर्चित मौत की निष्पक्ष जांच समय की मांग है।
दिवंगत बॉलीवुड एक्टर चाहने वालों का कहना है कि कई सफल फिल्में देने के बाद सुशांत बॉलीवुड के सफल नवोदित अभिनेताओं की फेहरिस्त में थे। वह हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन चुके थे। उनके पास काम की कोई कमी नहीं थी। ऐसे में वह ख़ुद ही अपनी जीवन ख़त्म करना तो दूर, ख़त्म करने की सोच भी नहीं सकते थे। इसी बिना पर लोगों का मानना है कि सुशांत की सुनियोजित तरीक़े से हत्या की गई है। इसलिए इस एंगल पर जांच जरूरी है।
इस बीच कई घोटालों से पर्दाफाश करने वाले भाजपा के राज्य सभी सदस्य डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर उनसे आग्रह किया है कि सुशांत की मौत की सीबीआई जांच समय की मांग है। डॉ. स्वामी ने का, “जिस तरह से दुनिया के कोने-कोने में सुशांत के फैंन्स मुंबई पुलिस की जांच पर उंगली उठा रहे हैं। अस हालात में अभिनेता की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई से करना ही समीचीन होगा। इससे लोगों का हमारे सिस्टम के साथ बॉलीवुड से जो विश्वास उठा है, वह फिर से बहाल हो सकता है।
सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स कहते हैं कि मुंबई पुलिस जिस तरह से लेट-लतीफी और बिना कोई बयान जारी किए इस रहस्यमय मोत की जांच कर रही है और स्कॉटलैंड यार्ड के समकक्ष मानी जाने वाली मुंबई पुलिस की ओर से राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख आत्महत्या की थ्योरी को ही स्टेब्लिश्ड करने के लिए तर-तरह के बयान दे रहे हैं। उससे सुशांत सिंह के चाहने वालों के मन में पैदा हुई शंका बड़ा आकार लेती जा रही है। लोग मानने लगे हैं, कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी ज़रूर है। जो मुंबई पुलिस लोगों के संज्ञान में नहीं लाने देना चाहती।
इतना ही नहीं सुशांत सिंह की रहस्यमय मौत की सीबीआई जांच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान कर रहे हैं। वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिल भी चुके हैं। उधर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार ने भी उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर चुके हैं। अब तो ढेर सारे लोग सामने आ रहे हैं, जिन्हें लगता है कि मुंबई पुलिस की जांच उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। इसलिए यह केस सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए।
रिसर्च एंड एनालिसिस विंगं (रॉ) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने तो सीधा आरोप लगाया है कि फूलप्रूफ साजिश के तहत माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम ने सुशांत सिंह की उनके ही घर पर हत्या करवाई। यूट्यूब पर अपलोड अपने विडियो विक्रम सूद ने सुशांत के नौकर और उनके क़रीबी दोस्त संदीप सिंह को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि संदीप ने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर सुशांत की हत्या की होगी। ऐसे में संदीप का इंटरोगेशन बहुत ज़रूरी है, जो मुंबई पुलिस नहीं कर रही है।
दरअसल, दाऊद की पकड़ बॉलीवुड में कितने अंदर तक है इसका अंदाज़ा फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ से लगाया जा सकता है। जब सलमान की यह फिल्म रिलीज हुई तो तभी खबर आईं कि इसमें दाऊद का पैसा लगा है। सलमान ख़ान का दाऊद से कनेक्शन सुर्खियों में रहा। फिल्म के निर्माता नादिम रिजवी, सह निर्माता अब्दुल रहीम अल्लाबख्श और फाइनेंसर भरत शाह मकोका के तहत गिरफ्तार कर लिए गए और बहुत लंबे समय तक जेल में रहे। इसके बाद सलमान के भी गिरफ्तारी की चर्चा हुई, लेकिन वह बाल बाल बच गए। कहा जा रहा है कि किसी सोसलाइट पार्टी में सुशांत और जिया खान आत्महत्या के केस में गिरफ्तार सूरज पंचोली के बीच तकरार हो गई थी, तो सलमान ने सुशांत को बुलाकर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
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इसीलिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत से फैन्स लगातार सोशल मीडिया पर रहस्यमय हत्या की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस तरह की जांच की मांग करने वालों में कंगना राणवत और शेखर कपूर समेत कई सेलेब्स भी शामिल हैं। डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का सीबीआई जांच के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखना अहम घटना है। एडवोकेट इशकरण सिंह भंडारी के अनुसार प्रधानमंत्री ने केस की सीबीआई जांच के लिए दिए गए पत्र को स्वीकार कर लिया है। इस बीच बॉलीवुड में नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म को लेकर सेलेब्स के बीच बहस जारी है। हाल ही में सुशांत की आख़िरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ ओटीटी प्लैटफॉर्ट पर रिलीज हुई है, जो बहुत हिट साबित हो रहा है।
सुशांत की आख़िरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ के संगीतकार ए. आर. रहमान ने कहा है कि बॉलीवुड में एक माफिया सक्रिय है और लोगों के बारे में मीडिया झूठी अफवाहें फैला कर लोगों का करियर ख़राब करता है। आस्कर सम्मान पा चुके रहमान ने कहा है कि बॉलीवुड में उनके बारे में अफवाहें फैलाने वाला गिरोह उन्हें काम पाने से रोक रहा है। रेडियो मिर्ची से बातचीत में रहमान ने कहा, ‘मैं अच्छी फिल्मों को ना नहीं कहता, लेकिन मुझे लगता है कि एक गिरोह है, जो मेरे बारे में गलतफहमी के कारण कुछ गलत अफवाहें फैला रहा है।’
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