ठाणे से गंगासागर गए 4 श्रद्धालुओं को दो दिन बाद बंगाल पुलिस ने अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया (4 Thane devotees kidnapped in West Bengal, freed)

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अपहरणकर्ता जमाल ग़ाज़ी (Kidnapper Jamal Ghazi) ने मांगी थी ₹ 20 लाख रुपए (ransom of ₹ 20 lakh) की फिरौती

महाराष्ट्र के ठाणे जिले से गंगासागर तीर्थ यात्रा पर गए एक महिला समेत चार श्रद्धालुओं के एक समूह का 13 जनवरी को हावड़ा स्टेशन से अपहरण कर लिया गया था। बहरहाल, 15 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें अपरहणकर्ता के चंगुल से मुक्त कराया और 16 जनवरी को गंगास्नान करवाकर उन्हें सकुशल ठाणे भेजने की व्यवस्था की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जनवरी 2021 की रात लगभग 02:30 बजे सुंदरबन जिला पुलिस नियंत्रण कक्ष को महाराष्ट्र पुलिस से यह सूचना मिली कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले के चार यात्रियों का एक समूह का पश्चिम बंगाल में अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर लिया है। महाराष्ट्र पुलिस ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले की यात्रा पर गए थे। लेकिन हावड़ा स्टेशन से जमाल नामक के सुमो ड्राइवर ने सभी का अपहरण कर लिया है और रिहा करने के बादले 20 लाख की रकम की मांग की है।

यह सूचना पाकर पश्चिम बंगाल पुलिस सक्रिय हो गई। चारों श्रद्धालुओं की रिहाई के बदले में 20 लाख रुपए की फिरौती की मांग खरने वाले बदमाशों के फोन को सर्विलॉन्स पर डाला गया। तब पता चला कि सीमावर्ती क्षेत्र मथुरापुर और रायडीह पुलिस थानों के पास मोबाइल टॉवर से कॉल किया गया था। काफी मशक्कत के बाद अपहृत व्यक्तियों में से एक के मोबाइल फोन के टॉवर लोकेशन को ट्रैक कर लिया गया। सूचना मिलने के तुरंत बाद सुंदरवन जिले के पुलिस अधीक्षक वैभव तिवारी के नेतृत्व में मथुरापुर की पुलिस संयुक्त तलाशी अभियान चलाया।

मथुरापुर पुलिस स्टेशन की जद में आने वाले एक दूरदराज के गांव होकदलंगा में पुलिस ने छापा मारा और 15 जनवरी को अलसुबह एक एकांत स्थान से सभी चार अपहृत पर्यटकों को मुक्त करा लिया गया। अपहरण जैसे अपराध के सिलसिले में मौके से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अपहृत पर्यटकों ने कहा कि उनमें से एक अपराधी का नाम जमाल ग़ाज़ी था। जमाल ने ही उन्हें कम कीमत पर गंगासागर की सैर करने और अपने होटल में मुफ़्त रहने की पेशकश करके अपने जाल में फंसाया था।

यात्रियों ने बताया कि सभी तीर्थ यात्री 11 जनवरी को ट्रेन से मुंबई से हावड़ा के लिए रवाना हुए थे। 13 जनवरी की सुबह हावड़ा स्टेशन पहुंचे। वहां से, उन्हें टाटा सूमो वाहन में जमाल द्वारा रामगंगा के पास पठार प्रतिमा में ले जाया गया। उन्हें रात भर रामगंगा के एक होटल में रखा गया था। अगली शाम, उन्हें किसी अन्य वाहन से जमाल अज्ञात स्थान पर ले गया। अंधेरे में कुछ समय तक यात्रा करने के बाद, उन्होंने वाहन छोड़ दिया और पीड़ितों को पैदल चलकर गांव होकडलंगा के पास एक सुनसान जगह पर ले गया।

इसी दौरान तीर्थ यात्रियों को जमाल की गतिविधियों पर संदेह हुआ और उनमें से एक ने तुरंत ठाणे में अपनी पत्नी के मोबाइल पर माई लोकेशन के ज़रिए अपना स्थान साझा कर दिया। बाद में जमाल ने उन्हें सूचना दी कि उनका अपहरण कर लिया गया है। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पर्यटकों के पांच फोन और 40 हज़ार रुपए छीन लिए। इसके बाद जमाल ने उन्हें एक कमरे में क़ैद कर लिया गया और सभी को क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया। सभी अपराधी ढोलाहाट, मथुरापुर और रायडीह पुलिस स्टेशन क्षेत्र के इलाके रहने वाले हैं। उन्होंने पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान अपना अपराध कबूल कर लिया है। ढोलाहाट पीएस के तहत भागबनपुर गांव के निवासी, तीस वर्ष के आयु वर्ग के अपहरणकर्ताओं के सरगना जमाल गाजी ने बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में जरी कारीगर के रूप में काम करता था।

वह मुंबई में काम करने के दौरान एक पर्यटक के संपर्क में आया। गिरफ़्तार आरोपियों को स्थानीय डायमंड हार्बर अदालत में पेश किया गया था। अदालत सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सैलानियों ने भी एलडी से पहले अपने बयान धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए गए। सुंदरवन जिला पुलिस की त्वरित कार्रवाई की उन्होंने प्रशंसा की और पुलिस का आभार व्यक्त किया। उनके परिवारों ने भी उनकी रिहाई पर राहत की सांस ली। और सुंदरबन जिला पुलिस ने 16 जनवरी को सभी को गंगासागर में स्नान करवाया गया और उनकी वापसी के लिए एक विशेष व्यवस्था की।

पश्चिम बंगाल से कुमार दिनेश की रिपोर्ट

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