कंगारुओं को हराकर भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की
ब्रिसबेन के द गाबा मैदान पर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और (Shubhman Gill) शुभमन गिल की शानदार बल्लेबाजी से भारतीय टीम (Team India) ने अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की कप्तानी में ऑस्ट्रलिया (Australia) की मज़बूत टीम को उसके घर में को 3 विकेट से हराकर फिर से इतिहास रच दिया। इस तरह भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border–Gavaskar Trophy) पर क़ब्ज़ा कर लिया।
भारत के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण रही कि कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमरा, रामचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा समते आधा दर्जन प्रमुख खिलाड़ी चोट या दूसरी वजह से यह मैच नहीं खेल रहे थे। इसलिए चौथे टेस्ट में दो खिलाड़ियों वॉशिंगटन सुंदर और नटराजन को टैस्ट करियर शुरू करने का मौका मिला। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने ट्वीट करके विजयी टीम को पाँच करोड़ रुपए का बोनस देने की घोषणा की है। स्वास्थ्य लाभ कर रहे बीसीसीआई प्रमुख और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी ट्वीट पर टीम को बधाई दी है।
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ब्रिसबेन का गाबा मैदान किसी किले से कम नहीं था, क्योंकि क्वरंटाइन की वजह से जब खिलाड़ियों ने मना किया था तो उस समय ऑस्ट्रेलिया के कई नामचीन पूर्व क्रिकेटरों ने बयान दिया था कि भारतीय टीम ब्रिसबेन में इसलिए नहीं खेलना चाहती है, क्योंकि कंगारू टीम का रिकॉर्ड ब्रिसबेन में शानदार है। लेकिन रहाणे की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने साबित कर दिया कि भारतीय की युवा खिलाड़ियों वाली टीम भी ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम को धूल चटा सकती है।
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विकेटकीपर ऋषभ पंत ने महेंद्र सिंह धोनी का रिकॉर्ड तोड़ा
भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपनी उपलब्धियों की सूची में ब्रिस्बेन टेस्ट में एक और रिकॉर्ड जोड़ लिया है। अपनी बेखौफ बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले पंत ने ब्रिस्बेन टेस्ट की चौथी पारी के 59 वें ओवर में दो रन लेते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपने हजार रन पूरे किए। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। पंत अब सबसे कम 27 पारियों में हजार रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी (32), फारुख इंजीनियर (36) और फिर ऋधिमान साहा (37), ऋद्धिमान साहा (37), नयन मोंगिया (39), सैयद किरमानी (45), और किरण मोरे (50) का नंबर आता है।
सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के सस्ते में सात रन बनाकर आउट हो जाने के बाद शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 114 रन जोड़े। जब ऐसा लगने लगा कि कि मैच भारत के पूरे नियंत्रण में है तभी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे शुभमन गिल दुर्भाग्यशाली रहे और शतक से 9 रनों से चूक गए। वह 91 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद पुजारा और कप्तान अजिंक्य रहाणे पर ज़िम्मेदारी आ गई। रहाण ने आक्रामक बल्लेबाज़ी और 22 गेंदों पर 24 रनों की पारी में एक चौका और एक छक्का भी लगाया। लेकिन कमिंस की गेंद पर वह आउट हो गए. इसके बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई और भारतीय बल्लेबाज़ थोड़े रक्षात्मक हो गए।
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चेतेश्वर पुजारा और पंत पर ज़िम्मेदारी सिर्फ़ रन बनाने की नहीं थी बल्कि हार बचाने की भी थी। टी टाइम के बाद उन्होंने तेज़ी से रन बटोरने की कोशिश भी की। जब भारत को जीत के लिए 100 रन और बनाने थे, तभी पुजारा का विकेट गिर गया। पुजारा ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों की उठती तेज़ गेंदों का अच्छे से सामाना किया लेकिन 56 रन बनाकर आउट हो गए। उन्होंने 211 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी में सात चौके लगाए. मयंक अग्रवाल भी कुछ ख़ास नहीं कर पाए और नौ रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन दूसरे छोर पर ऋषभ पंत डटे रहे और कई आकर्षक शॉट्स लगाए। पंत की बल्लेबाज़ी को देखकर लग गया कि वह भारत को विजयी बनाकर ही लौटेंगे और ऐसा ही हुआ।
रोहित शर्मा के सस्ते में सात रन बनाकर आउट हो जाने के बाद शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 114 रन जोड़े। जब ऐसा लगने लगा कि कि मैच भारत के पूरे नियंत्रण में है तभी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे शुभमन गिल दुर्भाग्यशाली रहे और शतक से 9 रनों से चूक गए। वह 91 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद पुजारा और कप्तान अजिंक्य रहाणे पर ज़िम्मेदारी आ गई। रहाण ने आक्रामक बल्लेबाज़ी और 22 गेंदों पर 24 रनों की पारी में एक चौका और एक छक्का भी लगाया। लेकिन कमिंस की गेंद पर वह आउट हो गए. इसके बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई और भारतीय बल्लेबाज़ थोड़े रक्षात्मक हो गए।
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चेतेश्वर पुजारा और पंत पर ज़िम्मेदारी सिर्फ़ रन बनाने की नहीं थी बल्कि हार बचाने की भी थी। टी टाइम के बाद उन्होंने तेज़ी से रन बटोरने की कोशिश भी की। जब भारत को जीत के लिए 100 रन और बनाने थे, तभी पुजारा का विकेट गिर गया। पुजारा ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों की उठती तेज़ गेंदों का अच्छे से सामाना किया लेकिन 56 रन बनाकर आउट हो गए। उन्होंने 211 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी में सात चौके लगाए. मयंक अग्रवाल भी कुछ ख़ास नहीं कर पाए और नौ रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन दूसरे छोर पर ऋषभ पंत डटे रहे और कई आकर्षक शॉट्स लगाए। पंत की बल्लेबाज़ी को देखकर लग गया कि वह भारत को विजयी बनाकर ही लौटेंगे और ऐसा ही हुआ।
सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने 146 गेंद पर 91 रन (2 छक्के, 8 चौके), ऋषभ पंत ने 138 गेंद पर 89 रन (1 छक्का, 9 चौके) और चेतेश्वर पुजारा 211 गेंद पर 56 रन (9 चौके) ने शानदार पारी खेली और भारत को 328 रन के लक्ष्य को पार करवाया। इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज़ में 2-1 से पटखनी देकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर भी अपना कब्जा कर लिया। दूसरी पारी में भारत की ओर से शुभमन गिल और पुजारा ने भारत की मजबूत नींव रखी।
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भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में पटखनी दी। पिछली बार भारतीय टीम ने कंगारुओं को उनके ही घर में 2018-19 टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था। भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी लगातार तीसरी बार अपने नाम कर जीत की हैट्रिक लगाई है। इससे पहले भारत ने पिछली दोनों सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। 2018/19 में पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत ने 2-1 से और इससे पहले 2016/17 में भारत ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को इतने ही अंतर से मात दी थी।
1988 से गाबा में कोई टेस्ट नहीं हारा है ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन के द गाबा मैदान पर 1988 में वेस्टइंडीज से एक टेस्ट हारा है। ऑस्ट्रेलिया ने गाबा (Gabba) में 31 टेस्ट खेले हैं और वह अपराजित रहे हैं। उन्होंने 24 टेस्ट जीते हैं। वहीं 7 मैच ड्रॉ रहे हैं। भारत ने यहां छह टेस्ट खेले पांच हारे और एक ड्रॉ कराया है। 2003 में सौरव गांगुली के नेतृत्व में भारत ने ड्रॉ टेस्ट खेला था। इसमें गांगुली ने 144 रन की पारी खेली थी. गाबा के बोर्ड पर बड़ा स्कोर लिखना ऑस्ट्रेलिया की जीत की कुंजी रही है।
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हरिगोविंद विश्वकर्मा